Breaking NewsUttarakhand

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने दी गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरूवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर सचिवालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों और सचिवालय के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर अपने सम्बोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि भारत की आजादी के बाद, देश का संविधान बनाने वालों ने यह निर्णय लिया कि देश को गणतांत्रिक देश बनाना है। इसके बाद संविधान बनाकर इसे 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया। हमारे संविधान का एक महत्त्वपूर्ण अंश यह भी है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को समान अवसर का अधिकार प्राप्त है।

मुख्य सचिव ने कहा कि इसका एक उदाहरण देश के राष्ट्रपति पद पर आसीन श्रीमती द्रोपदी मुर्मू हैं। कठिन परिस्थितियों के बावजूद वे कभी हिम्मत नहीं हारी और कहां से कहां तक पहुंची। यह हमारे संविधान की ही देन है। भर्तियों में भ्रष्टाचार जैसी घटनाओं के चलते आज उत्तराखण्ड के परिपेक्ष्य में समान अवसर का अधिकार का महत्त्व और भी बढ़ गया है। भर्तियों में भ्रष्टाचार बहुत ही चिंता का विषय है। हमें इसका समाधान ढूंडना है। इससे प्रदेश की नकारात्मक छवि गयी है। यह प्रदेश के लिए एक चुनौति है। शासन प्रशासन में बैठकें आयोजित कर यह निर्णय लिया गया कि पात्र युवाओं को ही नौकरी मिले इसके लिए कठोर कानून बनाया जा रहा है। इस प्रकार की घटनाओं में लिप्त लोगों को उम्र कैद की सजा एवं इन कामों से अर्जित सम्पत्ति की जब्त किए जाने का प्रावधान किया जा रहा है, ताकि यह संदेश जाए कि कोई और इस प्रकार की घटनाएं न करे और पात्र लोगों को ही नौकरी मिल सके। इस समय जो भी यहां बैठा है उसे यह याद रखने की आवश्यकता है कि वह यहां इसलिए बैठा है क्योंकि हमारे संविधान ने हमें समान अवसरों का अधिकार दिया है और अब हमारा यह कर्त्तव्य बनता है कि समान अवसर के अधिकार को हर हालत में लागू कराया जाना हमारी जिम्मेदारी है। हमें यह ध्यान देना होगा कि जाने अनजाने में भी हम से कोई ऐसा निर्णय न हो जिससे समानता का अधिकार नजरअंदाज हो।

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड प्राकृतिक दृष्टि से बहुत ही सम्पन्न राज्य है। खूबसूरत पहाड़, दुनिया का वाटर टॉवर कहे जाने वाले बर्फीले पर्वत और नदियां हैं। यहां चारधाम हैं, जहां के दर्शन करने के लिए लोग वर्षों से प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही, उत्तराखण्ड की राजधानी देश की राजधानी के इतने पास है। आज यात्रा की दूरी, किलोमीटर से नहीं बल्कि ट्रेवल टाईम से नापी जाती है। पहले देहरादून से दिल्ली 6 से 7 घंटे लगते थे। अब 4 से 5 लग रहे हैं और बहुत जल्दी ही 2 से सवा दो घंटे लगेंगे। इसलिए 2 घंटे का सफर होने के बाद इसे दिल्ली एनसीआर का हिस्सा भी कहा जाना कोई अचम्भा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इससे दिल्ली एनसीआर का एक प्रतिशत भी टूरिस्ट यहां आना शुरू हो जाएगा तो इससे पर्यटन को एक दम बूस्ट मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। इसके लिए हमें तैयार रहना है।

मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान बहुत अधिक ट्रेफिक होने के कारण सिर्फ पर्यटन की दृष्टि से उत्तराखण्ड आने वाले पर्यटक ट्रेफिक जाम से बचने के लिए चारधाम यात्रा सीजन में आने से बचते हैं। इससे आने वाले भविष्य में प्रदेश के पर्यटन पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भविष्य को बचाने के लिए हमें प्रदेश की सड़कें बचानी होंगी। उन्होंने कहा कि शहरों और सड़कों के किनारे बनने वाले भवनों को सुनियोजित तरीके से बनाए जाने के लिए प्रयास किए जाएं। हमें प्रदेश और प्रदेश की युवा पीढ़ी के लिए सोचते हुए अभी से योजनाओं को बनाना और लागू करना है। हमें सिर्फ आज की परिस्थिति नहीं देखनी बल्कि दीर्घकालिक योजनाएं बनानी हैं, ताकि हम अपने प्रदेश का भविष्य बचा सकें। उन्होंने कहा कि सचिवालय शासन प्रशासन की शीर्ष संस्था है। प्रदेश और प्रदेशवासियों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए हम सभी को अपना-अपना योगदान देना है। हमें प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित रखने का सिर्फ विचार ही नहीं रखना बल्कि इसे अपनी भावना बनाना है। उन्होंने कहा कि विचार बदलते रहते हैं भावनाएं नहीं बदलती। आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम इतना ही प्रण ले लें कि हमें प्रदेश के भविष्य के लिए ही निर्णय लेने हैं तो आज गणतंत्र दिवस पर यहां एकत्र होना सफल हो जायेगा।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, एल. फैनाई, सभी सचिव, अपर सचिव सहित सचिवालय के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button