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ल्यूसेंट इंटरनेशनल स्कूल में हर्षोल्लास से मनाया गया क्रिसमस का पर्व

कार्यक्रम में सेंटा ने आकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और बच्चों को उपहार भी दिए। विद्यार्थी सेंटा को देखकर बहुत प्रसन्न हुए।

देहरादून। क्रिसमस अद्वितीय और महत्वपूर्ण, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाला एक खुशी का अवसर है। ईसाई धर्म में पूज्य ईसा मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में हर साल 25 दिसंबर को यह दिन मनाया जाता है। ईसाई यीशु को ईश्वर का पुत्र और मानवता का उद्धारकर्ता मानते हैं।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य अमित सहगल के विचारों के साथ हुआ। सबसे पहले प्रधानाचार्य ने तुलसी विवाह के अवसर पर तुलसी विवाह से जुड़ी कुछ जानकारियाँ विद्यार्थियों के साथ साझा की। साथ ही क्रिसमस डे पर विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ भी दीं और उन्होंने यह भी बताया कि हम इस दिन को क्यों मनाते हैं।

इसके बाद कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया, जिसमें विद्यालय के नन्हे मुन्ने छात्रों ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियाँ दी। नन्हें मुन्ने विद्यार्थी सेंटा की पोशाक में बड़े ही प्यारे लग रहे थे। कार्यक्रम में सेंटा ने आकर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया और बच्चों को उपहार भी दिए। विद्यार्थी सेंटा को देखकर बहुत प्रसन्न हुए।

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विद्यालय को रंग-बिरंगे झंडों, गुब्बारों और एक विशाल क्रिसमस ट्री से सजाया गया था। अंत में कक्षा नवीं के समस्त विधार्थियों ने भावनाओं के परिवर्तन पर एक सुंदर नाटक और नृत्य प्रस्तुत किया। नाटक की कहानी इतनी आकर्षक थी, कि सभी दर्शकों को पूरे समय बाँधें रखा।

अंत में समारोह का समापन प्रधानाचार्य, शैक्षणिक प्रबंधक डॉ. दीपिका शर्मा , प्रधान शिक्षिका पूजा वर्मा एवं पुष्कर सोनी के संदेश के साथ हुआ, जिन्होंने त्योहारों के मौसम में दया, उदारता और करुणा के महत्व के बारे में बताया।

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