देहरादून में आयोजित हुई अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग एकता महासंघ की बैठक
देहरादून। शुक्रवार को अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग एकता महासंघ की बहुत ही महत्वपूर्ण बैठक देहरादून के होटल पैसेफिक में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता महासंघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती संतोष कश्यप द्वारा की गई।
बैठक में उत्तराखण्ड की प्रदेश कार्यकारणी का विस्तार किया गया जिसमे नीरज कश्यप को प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष, श्रीमती शालू कश्यप को महिला प्रदेश अध्यक्ष, श्रीमती प्रेमलता को महिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अमर सिंह कश्यप को प्रदेश सचिव, धर्मपाल सिंह को जिला अध्यक्ष देहरादून, विनोद कश्यप को जिला महामंत्री देहरादून, जसप्रीत सिंह को उत्तराखण्ड का यूूथ कोऑर्डिनेटर एवं राधेश्याम कश्यप को जिला अध्यक्ष हरिद्वार मनोनीत किया गया।
बैठक के बाद अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग एकता महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने अपनी राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती संतोष कश्यप, पूर्व अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग कल्याण परिषद, उत्तराखण्ड सरकार के नेतृत्व में मुख्यमत्री से मिलकर ज्ञापन दिया एवं उनके द्वारा उत्तराखण्ड में भी अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियो में शामिल करने की मांग की।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी सरकार में भी उनके द्वारा यह मांग उठाई गई थी एवं उनके द्वारा स्थापना दिवस पर अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल करने की घोषणा की गई थी परंतु केन्द्र सरकार से उस समय स्वीकृति नही मिल पाई थी।
अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश में इन अति पिछड़ी जातियों को जिसमे कश्यप, कुम्हार, प्रजापति, निषाद, कहर, माझी, बंजारा, लोधी, मेहरा आदि जातिय शामिल है और हम अपने महासंघ जो कि समस्त भारत मे कार्य करता है के माध्यम से मुख्यमंत्री से यह मांग करते है कि उत्तराखण्ड में भी इन जातियों को अनुसूचित जातियो में शामिल किया जाए।
इसी मांग को लेकर महासंघ का प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री से भी भेट करेगा। उन्होंने कहा है कि पिछड़ा समाज सदैव ही भारतीय जनता पार्टी के साथ रहा है एवं केन्द्र में भी भारतीय जनता पार्टी एवं नरेन्द्र मोदी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण योगदान किया है। अतः अति पिछड़े समाज के लोग भी अपने उत्थान की आशा करते हैं।
प्रतिनिधिमंडल में एडवोकेट चंद्रशेखर, डॉ. राजेश कश्यप, राधेश्याम कश्यप, रजनीश कुमार, नीरज राजपूत, धर्मपाल कश्यप, विनोद, अमरसिंह, रवि कश्यप, श्रीमती शालू कश्यप, धनीराम, आशीष, श्रीमती प्रेमलता एवं महासंघ के अन्ये पदाधिकारी शामिल थे।