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Dehradun News: श्रीझंडे जी का हुआ आरोहण, जयकारों से गूंजा दरबार साहिब

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून के ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेले की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। श्री झंडे जी के आरोहण के साथ ही रामनवमी तक चलने वाला मेला शुरू हो गया है।

देहरादून। राजधानी में आस्था और सद्भावना के प्रतीक श्री झंडे जी के आरोहण के साथ ही आज से देहरादून में झंडे मेले का शुभारंभ हो गया। यहां आस्था का सैलाब उमड़ा है। जयकारों से दरबार साहिब गूंज उठा। श्रीमहन्त देवेंद्र दास महाराज की अगुवाई में श्रीझंडे जी उतारे गए। इसके साथ ही रामनवमी तक चलने वाला मेला शुरू हो गया है।

परंपरा के अनुसार इस बार श्री झंडे जी के ध्वजदंड को बदला गया। उधर, मंगलवार को श्री दरबार साहिब में पूर्वी संगत की विदाई हुई। इससे पहले श्रीमहंत ने संगत को गुरु मंत्र दिया। श्री दरबार साहिब में सुबह सात बजे से श्री झंडे जी के आरोहण की प्रकिया शुरू हुई। यहां पहले श्री झंडे जी को उतारा गया। इसके बाद दोपहर में दो बजे से श्रीमहंत की अगुवाई में आरोहण हुआ। इसके लिए दून में संगत भक्ति में डूबी रही।

मंगलवार को श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज ने संगत को गुरुमंत्र दिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सूर्य की किरणें सभी को समान रूप से प्रकाश और ऊष्मा देती हैं, उसी प्रकार एक आध्यात्मिक गुरु अपनी कृपा और करुणा सभी पर समान रूप से रखते हैं। गुरु यानी जो हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करते हैं।

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उधर, श्री झंडे जी के आरोहण के लिए मंगलवार को ही दून में भक्तों की भीड़ उमड़ी। सहारनपुर चौक से झंडा बाजार तक भक्तों का सैलाब दिखा। पुलिस ने झंडा बाजार और सहारनपुर चौक पर बैरिकेटिंग लगाकर वाहनों को रोक दिया। वहीं, दोपहिया वाहनों को भी मेला स्थल तक जाने से रोक दिया गया। उधर, आरोहण की पूर्व संध्या पर पूरब की संगत की विदाई हुई। इस दौरान संगत को पगड़ी, ताबीज और प्रसाद वितरित किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दीं शुभकामनाएं 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून के ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेले की प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि हर साल श्री गुरु राम राय जी के जन्मोत्सव पर परंपरागत रूप से मनाया जाने वाला दून का ऐतिहासिक श्री झंडे जी मेला मानवता और विश्वास से ओतप्रोत विशिष्ट परंपराओं को समेटे हुए है। इसके साथ ही यह मेला श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक होने के साथ-साथ आपसी प्रेम एवं सौहार्द का भी प्रतीक है। श्री गुरु राम राय महाराज की शिक्षाएं और उनके संदेश आज के समय में और भी अधिक प्रासंगिक हैं।

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