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देशहित के लिए गुस्सा और नाराजगी झेलनी पड़ती है : मोदी

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून पर देश में मच रहे बवाल के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के लिए काम करने में काफी गुस्सा झेलना पड़ता है, कई लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ती है। इसके अलावा कई आरोपों से गुजरना पड़ता है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बात ASSOCHAM के कार्यक्रम में अर्थव्यवस्था, GST और ईज़ ऑफ डूइंग की रैंकिंग को लेकर कही।

कार्यक्रम में क्या बोले प्रधानमंत्री…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ASSOCHAM के कार्यक्रम में कहा कि आपकी सौ साल की यात्रा में कई उतार-चढ़ाव आए होंगे, अनेक लोगों ने इसकी अगुवाई की होगी सभी अभिनंदन के पात्र हैं। सौ साल की यात्रा का मतलब है कि आपने भारत के आजादी आंदोलन और आजादी के बाद को देखा है।

मजबूत हो रही है अर्थव्यवस्था…

पीएम मोदी बोले कि 2020 के साथ नया दशक सभी के लिए सुख समृद्धि लाए, इसके लिए बधाई। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात अचानक नहीं आई है, पिछले पांच साल में देश मजबूत हुआ है इसलिए ऐसे लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। 5-6 साल पहले हमारी अर्थव्यवस्था डिजास्टर की तरफ बढ़ रही थी, लेकिन हमारी सरकार ने इसे रोका है।

उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था तय नियमों से चले इसके लिए हमने व्यवस्था में परिवर्तन किया है। आज 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी के लिए मजबूत आधार बना है। जबतक पूरा देश मिलकर लक्ष्य को तय नहीं करता है, तबतक लक्ष्य पूरा नहीं होता.।जब मैंने इस लक्ष्य को रखा तो पता था कि इसका विरोध होगा और कहा जाएगा कि भारत ये नहीं कर सकता।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजकल अर्थव्यवस्था को गति देने वाले समूह इस लक्ष्य की बात कर रहे हैं। जब मैंने 2014 में लालकिले से ऐलान किया कि देश को खुले में शौच से मुक्त करेंगे, लेकिन देश ने उसे करके दिखाया। हम भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती देना चाहते हैं, इसलिए डिजिटल ट्रांजैक्शन से GST तक काम किया जा रहा है। पीएम मोदी ने यहां कहा कि कंपनी एक्ट में सैकड़ों ऐसे प्रावधान थे, जिसमें छोटी-छोटी गलतियों के लिए क्रिमिनल एक्शन की व्यवस्था थी, हमारी सरकार ने कई प्रावधानों को बदल दिया।

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