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दुर्घटनाओं को न्यौता दे रहा दो राज्यों की सीमाओं को जोड़ने वाला ये पुल

पांवटा साहिब, (कमल सिंह कठैत)। हिमाचल और उत्तराखंड की सीमाओं को जोड़ता यमुना नदी पर बना सदियों पुराना पुल अब जर्जर हालत में है। आलम यह है कि यह किसी भी वक्त क्षतिग्रस्त होकर ध्वस्त हो सकता है ऐसे में किसी बड़ी दुर्घटना के घटित होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके उत्तराखंड एवं हिमाचल दोनों राज्यों की सरकारें एवं स्थानीय प्रशासन मूक दर्शक बने तमाशा देख रहे हैं।

गौरतलब है कि उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से सटे हिमाचल के सीमावर्ती क्षेत्र पर बसे कुल्हाल और पौंटा साहिब के बीच होकर बहने वाली यमुना नदी के ऊपर दोनों राज्यों को एक दूसरे से जोड़ता यमुना ब्रिज अब खस्ताहाल हो चुका है। यही नहीं खंडहरनुमा शक्ल में तब्दील होते जा रहे इस सेतु के ऊपर भारी भरकम सामान से लदे ट्रक पूरी रफ्तार से गुजरते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं और शाम के वक्त यह लदे हुए ट्रक लाइन लगाकर इस पुल के ऊपर खड़े नजर आते हैं।

आपको बता दें जब भी कोई वाहन इस पुल के ऊपर से गुजरता है तो यह सेतु ठीक उसी प्रकार हिलने लगता है जैसे लक्ष्मण झूला या राम झूला में बने झूला पुल हिला करते हैं। जो किसी बड़े खतरे का इशारा है। बावजूद इसके सभी वाहन चालक अपनी जान जोखिम में डालकर पुल के ऊपर से अपने वाहनों को धड़ल्ले से चलाते आसानी से नजर आते हैं। यदि इस पुल की मजबूती की ही बात की जाए तो जिन स्तंभों पर यह पुल टिका है उनके नीचे की बुनियाद खोखली हो चली है और ऊपरी पकड़ भी कमजोर हो गई है।

यही नहीं, कहीं जगह से तो पुल के ऊपर लगा सीमेंट भी झड़ कर गिर चुका है और उसके अंदर लगे सरिए बाहर ताक—झांक करते दिखाई पड़ रहे हैं। ऐसे में भारी भरकम वाहनों का इस पुल से होकर गुजरना खतरे से खाली नहीं। दूसरी ओर इस पुल के संकरा होने की वजह से वाहनों की लंबी कतारें इस पुल के दोनों ओर लगी नजर आती है। जिन्हें नियंत्रित करने में दोनों राज्यों की पुलिस को एड़ी—चोटी का जोर लगाना पड़ता है।  इस बाबत जब हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य के संबंधित अधिकारियों से वार्ता करने का प्रयास किया गया तो सभी ने इस मामले से अनभिज्ञता जताते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया, जो वाकई बेहद चिंता का विषय है।

काबिलेगौर है कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश दोनों ही अपनी खूबसूरती के लिए विश्व विख्यात हैं। पर्यटन प्रदेश होने की वजह से इन दोनों ही राज्यों में प्रत्येक वर्ष भारी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं। उत्तराखंड से हिमाचल जाने वाले और हिमाचल से उत्तराखंड में घूमने आने वाले पर्यटकों को मुख्यतयः इसी पुल से होकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में यदि कोई पर्यटक इस पुल की वजह से हादसे का शिकार होता है तो यह दोनों ही राज्यों की लोकप्रियता के लिए ठीक नहीं होगा और पर्यटन प्रदेशों की सुंदरता पर भी एक बदनुमा दाग होगा।

दोनों ही राज्यों की सरकारों को अपने प्रदेशों में आने वाले पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों की सुविधाओं व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शीघ्र अति शीघ्र या तो इस पुल की मरम्मत करवानी चाहिए अन्यथा इस पुल पर होने वाली वाहनों की आवाजाही पर तत्काल रोक लगाकर कोई दूसरा विकल्प तलाशना चाहिए। अन्यथा मासूम जिंदगियों के ऊपर यूं ही खतरा मंडराता रहेगा।

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