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प्रसिद्ध समाजसेवी अजय सोनकर ने मदर टेरेसा की जयंती पर उनका स्मरण कर, किया नमन
देहरादून। प्रसिद्ध समाजसेवी, वार्ड संख्या 18 इंदिरा कॉलोनी, चुक्खुवाला के पूर्व नगर निगम पार्षद एवँ वरिष्ठ भाजपा नेता अजय सोनकर उर्फ घोंचू भाई ने नोबल पुरस्कार से सम्मानित, भारत रत्न समाजसेविका मदर टेरेसा की जयंती पर उनका स्मरण कर उन्हें नमन किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध जनसेवी अजय सोनकर ने मदर टेरेसा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मदर टेरेसा संपूर्ण विश्व में शांति और मानवता का संदेश देने वाली एक महान हस्ती थीं। वे रोमन कैथोलिक नन थीं, जिनके पास भारतीय नागरिकता थी।
अजय सोनकर ने कहा कि मात्र 18 वर्ष की उम्र में लोरेटो सिस्टर्स में दीक्षा लेकर वे सिस्टर टेरेसा बनीं थी। फिर वे भारत आकर ईसाई ननों की तरह अध्यापन से जुड़ गईं।26 अगस्त 1910 को यूगोस्लाविया के स्कॉप्जे में जन्मीं एग्नेस गोंझा बोयाजिजू ही ‘मदर टेरेसा’ बनीं।
उन्होंने कहा कि कोलकाता के सेंट मैरीज हाईस्कूल में पढ़ाने के दौरान एक दिन कॉन्वेंट की दीवारों के बाहर फैली दरिद्रता देख वे विचलित हो गईं। वह पीड़ा उनसे बर्दाश्त नहीं हुई और वे कच्ची मलिन बस्तियों में जाकर सेवा कार्य करने लगीं। इस दौरान 1948 में उन्होंने वहां के बच्चों को पढ़ाने के लिए एक स्कूल खोला और तत्पश्चात ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना की।
समाज सेवी घोंचू भाई ने कहा कि ‘सच्ची लगन और मेहनत से किया गया काम कभी निष्फल नहीं होता’, यह कहावत मदर टेरेसा के साथ सच साबित हुई। काम इतना बढ़ता गया कि सन् 1996 तक उनकी संस्था ने करीब 125 देशों में 755 निराश्रित गृह खोले जिससे करीबन 5 लाख लोगों की भूख मिटने लगी। उन्होंने कहा कि हम सभी को मदर टेरेसा के जीवन से प्रेरित होकर समय-समय पर जनसेवा से जुड़े कार्यों में प्रतिभाग करना चाहिए, जिससे किसी जरूरतमंद व्यक्ति की सहायता हो सके।