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गीतकार योगेश गौर के निधन पर लता मंगेशकर ने जताया शोक

मुंबई। 60 और 70 के दशक के फेमस गीतकार योगेश गौर का 77 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने शुक्रवार को अंतिम सांस ली। योगेश गौर ने कहीं दूर जब दिन ढल जाए, जिंदगी कैसी है पहेली जैसे कई शानदार गाने लिखे हैं। गीतकार योगेश गौर ने निधन पर लता मंगेशकर ने शोक जताया है।

उन्होंने ट्वीट किया- मुझे अब पता चला कि दिल को छूनेवाले गीत लिखनेवाले कवि योगेश जी का आज स्वर्गवास हुआ। ये सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। योगेश जी के लिखे कई गीत मैंने गाए। योगेश जी बहुत ही शांत और मधुर स्वभाव के इंसान थे। मैं उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।

Lata Mangeshkar

 

@mangeshkarlata

 
 

Mujhe abhi pata chala ki dil ko chunewale geet likhnewale kavi Yogesh ji ka aaj swargwas hua. Ye sunke mujhe bahut dukh hua.Yogesh ji ke likhe kai geet maine gaaye. Yogesh ji bahut shaant aur madhur swabhav ke insan the. Main unko vinamra shraddhanjali arpan karti hun.

 
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लता जी ने योगेश गौर को मिले अवार्ड को याद करते हुए लिखा- 2018 में हमने दीनानाथ पुष्कर से योगेश जी को सम्मानित किया था।

Lata Mangeshkar

 

@mangeshkarlata

 
 

2018 mein humne Deenanath Puraskar se Yogesh ji ko sammanit kiya tha.

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Lata Mangeshkar

 

@mangeshkarlata

 
 

Yogesh ji ka likha ye geet jiska sangeet Salil da ka hai, mujhe bahut pasand hai. https://youtu.be/7-x-skKZ0-k 

 
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गीतकार वरुण ग्रोवर ने लिखा- ”अलविदा योगेश साब, कई अद्भुत गानों के लेखक जिनमें ‘कहीं दूर जब’, ‘रिमझिम गिरे सावन’, ‘जिंदगी कैसी है पहेली’ और अन्य हैं।” 

जब मैं रातों में तारे गिनता हूं और तेरे कदमों की आहट सुनता हूं लगे मुझे हर तारा, तेरा दर्पण।

वरुण 🇮🇳

 

@varungrover

 
 

Alvida Yogesh saab. Writer of so many gems (Kahin Door Jab, Rimjhim Gire Saawan, Zindagi Kaisi Hai Paheli et al) – he always managed to find the sweet spot between simplicity and depth.

“जब मैं रातो में तारे गिनता हूँ
और तेरे कदमों की आहट सुनता हूँ
लगे मुझे हर तारा, तेरा दर्पण”

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सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक योगेश गौर लंबे समय से बीमार चल रहे थे और मुंबई के उपनगर नाला सोपारा में अपने शिष्य के साथ रह रहे थे।

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