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जीएसटी : चार स्तर की दरें तय
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद ने वस्तु एवं सेवा कर ढांचे के तहत 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की चार स्तर की दरें तय की हैं। परिषद की दो दिवसीय बैठक गुरुवार को शुरू हुई है। पहले दिन की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘हमने (जीएसटी परिषद ने) जीएसटी दरों को अंतिम रूप दे दिया है।’ जेटली ने कहा, ‘जीएसटी के तहत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में शामिल खाद्यान्न सहित आम व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली 50 प्रतिशत वस्तुओं पर शून्य कर लगेगा।’
वित्त मंत्री ने बताया कि आम लोगों की सामान्य उपभोग की वस्तुओं पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत होगी। जीएसटी में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो मानक दरें होंगी। जिन वस्तुओं पर इस समय उत्पाद शुल्क और वैट सहित कुल 30-31 प्रतिशत कर लगता है उन पर जीएसटी दर 28 प्रतिशत होगी। जेटली ने कहा कि उच्चतम दर के प्राप्त होने वाले कर से होने वाली अतिरिक्त राजस्व आय का इस्तेमाल आवश्यक उपभोग की वस्तुओं पर कर की दर पांच प्रतिशत रखने में किया जाएगा और आम उपभोग की कुछ वस्तुओं को 18 प्रतिशत के दायरे में हस्तांतरित किया जायेगा।
लक्जरी कारों, तंबाकू, काबरेरेटेड पेय पदार्थों पर उपकर लगाया जायेगा और इसके साथ इन पर स्वच्छ ऊर्जा उपकर के अलावा एक और उपकर लगाया जाएगा जिससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये किया जायेगा। जेटली ने बताया कि उपकर के जरिये बनने वाला ‘मुआवजा कोष’ पांच साल के लिए रहेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले साल में राज्यों को उनके राजस्व नुकसान की भरपाई के लिये 50,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
बैठक में कर दरों से संबंधित मुद्दों को सुलझाना जरूरी था जिससे संसद केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) तथा एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) कानूनों को संसद के शीतकालीन सत्र में मंजूरी दे सके। संसद का शीतकालीन सत्र 16 नवंबर से शुरू हो रहा है।