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हमें भुलावे में नहीं रहना चाहिए कि हम मुश्किलों से बाहर आ गए हैं: मनमोहन सिंह

कोच्चि। मूडीज द्वारा 13 साल बाद भारत की रेटिंग सुधार से भले ही मोदी सरकार गदगद हो, लेकिन विपक्ष अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को बख्शने के मूड में नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि एनडीए सरकार को इस भुलावे में नहीं आना चाहिए कि अर्थव्यवस्था संकट से बाहर आ गई है। मूडीज द्वारा देश की रेटिंग बढ़ाये जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने यह बात कही। इसके अलावा पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने भी सरकार के जश्न पर तंज कसा और याद दिलाया कि यही सरकार मूडीज की रेटिंग प्रक्रिया को गलत बता चुकी है।
गौरतलब है कि अमेरिकी रेटिंग एजेंसी ने भारत की साख Baa3 से बढ़ाकर Baa2 कर दी। साथ ही रेटिंग परिदृश्य सकारात्मक से स्थिर यह कहते हुए स्थिर श्रेणी में कर दिया है कि सुधारों से बढ़ते ऋण संकट को स्थिर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा, ‘मुझे खुशी है कि मूडीज ने वह किया है जो उन्हें करना चाहिए, लेकिन हमें भुलावे में नहीं रहना चाहिए कि हम मुश्किलों से बाहर आ गए हैं।’

भारत में वृहत आर्थिक घटनाएं: नीति परिप्रेक्ष्य विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार में सिंह ने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूत उद्देश्यपूर्ण दिशानिर्देश की जरूरत है ताकि देश 8 से 10 फीसदी वृद्धि दर की ओर बढ़ सके जो सरकार खुद चाहती है। इस कार्यक्रम का आयोजन सेंट टेरेसास कॉलेज, एर्नाकुलम ने आयोजित किया।

सिंह की टिप्पणी वित्त मंत्री अरुण जेटली के मूडीज के कदम पर दिए गए बयान के संदर्भ में आई है। जेटली ने शुक्रवार को कहा था कि मूडीज द्वारा देश की साख 13 साल बाद बढ़ाना सरकार के आर्थिक सुधारों को देर से दी गई मान्यता है। पूर्व प्रधानमंत्री ने कच्चे तेल के दाम में वृद्धि को लेकर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि इससे देश की राजकोषीय स्थिति प्रभावित हो सकती है।

उन्होंने कहा, ‘कच्चे तेल की कीमत अब 62 से 64 डॉलर प्रति बैरल है जो कुछ महीने पहले 40-45 डॉलर प्रति बैरल थी। इससे भुगतान संतुलन के साथ राजकोषीय स्थिति प्रभावित हो सकती है। जीएसटी के बारे में पूछे जाने पर पूर्व पीएम ने कहा कि इसे बेवजह जल्दबाजी में लागू किया गया और नौकरशाही ने इसके लिए अच्छे से तैयारी नहीं की।’

पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने मूडीज के रेटिंग बढ़ाने पर सरकार के उत्साहित होने की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि कुछ ही महीने पहले इसी सरकार ने इस रेटिंग एजेंसी के तौर-तरीकों पर सवाल उठाए थे। टाटा लिटरेचर लाइव में उन्होंने शनिवार को कहा, ‘कुछ ही महीने पहले सरकार ने कहा था कि मूडी के तरीके गलत हैं। शक्तिकांत दास (आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव) ने मूडीज के रेटिंग के तरीके पर सवाल उठाते हुए लंबा पत्र लिखा था। उन्होंने मूडीज के रेटिंग के तरीके को कमजोर बताते हुए सुधार करने की मांग की थी।’

चिदंबरम ने रेटिंग में सुधार पर सरकार की प्रतिक्रिया का मजाक उड़ाते हुए कहा कि इस सरकार के लिए मूडीज के तौर तरीके 2016 तक ही खराब थे। मूडीज द्वारा तेज वृद्धि का हवाला दिए जाने के बाबत पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा कि इसी एजेंसी और सरकार का चालू वित्त वर्ष का वृद्धि अनुमान 6.7 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 में यह 8 प्रतिशत थी। 2016-17 में यह 6.7 प्रतिशत थी और 2017-18 में यह 6.7 प्रतिशत है। यह उत्तर (उन्नति) है या दक्षिण (अवनति), आप ही तय करें।

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