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जनसेवी भावना पांडे ने सरकार से की तीर्थ स्थान रामेश्वर घाट के सौंदर्यीकरण की मांग

देहरादून। प्रसिद्ध जनसेवी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड की धामी सरकार से प्राचीन तीर्थ स्थान रामेश्वर घाट के सौंदर्यीकरण की मांग की है। रामेश्वर घाट जनपद पिथौरागढ़, चंपावत व अल्मोड़ा की सीमा से लगा हुआ है तथा पिथौरागढ़, चंपावत, जागेश्वर व गंगोलीहाट विधानसभा की सीमाओं से घिरा हुआ है।

जनसेवी भावना पांडे ने सरकार से इस स्थान के सौंदर्यीकरण की मांग करते हुए कहा कि पौराणिक दृष्टि से ये स्थान अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ व चंपावत ज़िले का महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है। इस जगह पर सरयू नदी व रामगंगा नदी का संगम होता है। उन्होंने कहा कि अपनेआप में कईं ऐतिहासिक एवं प्राचीन विशेषताओं को समेटे हुए यह तीर्थ स्थल आज भी सरकारी उपेक्षा की मार झेल रहा है।

सरयू और रामगंगा नदी के संगम स्थल रामेश्वर घाट का दृश्य

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि इस जगह के बारे में कईं कहानियां एवं किवदंतिया मशहूर हैं, जिनका जिक्र हमारे पुराणों में पढ़ने को मिलता है। स्कंद पुराण के मानसखण्ड 95 अध्याय में इस स्थान का बहुत ही मनोहारी वर्णन किया गया है। इस स्थान की स्तुति किये बिना जागेश्वर धाम की यात्रा व पूजा अधूरी मानी जाती है। उत्तराखंड के इस पवित्र स्थल के बारे में मान्यता है कि इस संगम में स्नान करने से कईं पारिवारिक एवं शारीरिक परेशानियां दूर होती हैं।

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वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि पूर्व में यहाँ दीपदान की प्रथा हुआ करती थी। पूर्वोत्तर कुमाऊँ का यह सबसे बड़ा शमशान घाट भी है। यह स्थान लोक गीतों एवं लोक कलाओं के लिए भी प्रसिद्ध है। साथ ही यह अल्मोड़ा, काली कुमाऊँ, गंगोली व सोर पिथौरागढ़ की संस्कृति का संगम स्थल भी है। उन्होंने कहा कि यहाँ पर स्थानीय उत्पादों का व मवेशियों के व्यापार का केंद्र भी बनाया जा सकता है।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि इस स्थान का सौंदर्यीकरण कर इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना अति आवश्यक है, जिससे ये पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सके। उन्होंने कहा कि इस जगह के विकास से आसपास के क्षेत्रों का भी उद्धार होगा एवं पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के साधन भी जुट पायेंगे।

उन्होंने प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध करते हुए कहा कि कुमाऊँ क्षेत्र के विकास को ध्यान में रखते हुए शीघ्र ही इस प्राचीन स्थल की सुध ली जाए एवं यहाँ का  सौंदर्यीकरण व जीणोद्धार किया जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री धामी का युवा नेतृत्व व उनकी दूरदर्शी सोच इस पवित्र स्थल को कुमाऊँ का आकर्षण का केंद्र बनाएगी। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि सरकार इस ओर जल्द ही कदम उठाएगी।

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