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जॉलीग्रांट एयरपोर्ट से लड़ाकू विमान की उड़ान
देहरादून। राजधानी दून के जॉलीग्रांट हवाई अड्डे से पहली बार सुखोई लड़ाकू विमान उड़ान भर रहे हैं। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) 19 फरवरी से दो दिनों तक यहां इन लड़ाकू विमानों का संचालन करेगी। इसका उद्देश्य भविष्य में युद्ध की स्थिति में नागरिक हवाईअड्डों को तैयार रखना है। चीन द्वारा सीमा पर लगातार उकसावे वाली रणनीति के बीच यह फैसला लिया गया है। आईएएफ ने बताया कि रुटीन एक्सरसाइज के तहत नागरिक हवाईअड्डे पर यह अभ्यास किया जा रहा है।इसके तहत दो सुखोई-30 एमकेआई विमानों का यहां संचालन किया जाएगा।
वहीं जौलीग्रांट एयरपोर्ट के आसमान का चक्कर लगाकर सेना के चार लड़ाकू विमान बिना लैंडिंग किए वापस लौट गए। विमानों की तेज आवाजों से क्षेत्र में गड़गड़ाहट की आवाज गूंज उठी। सुबह लोगों ने घरों की छतों से विमानों की आवाजाही को देखा। सेना के लड़ाकू विमानों की आवाजाही लोगों के लिए दूसरे दिन भी कौतूहल भरी रही। इससे पहले बृहस्पतिवार को भी सेना के लड़ाकू विमान आसमान में उड़ते दिखाई दिए।
इसके अलावा विशालकाय मालवाहक ग्लोबमास्टर-सी 17 विमान जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उतरा था। शुक्रवार की सुबह साढ़े दस बजे एक बार फिर से सेना के लड़ाकू विमान डोईवाला जौलीग्रांट के आसमान पर तेज गति से मंडराते हुए नजर आए। बेहद तेज आवाजों के साथ विमानों ने एयरपोर्ट के आसपास का चक्कर लगाया। विमानों की आवाजाही को देखने के लिए लोग घरों की छतों पर खड़े रहे। इस दौरान लोगों ने सेना की ताकत को देखकर तालियां बजाकर उत्साह दिखाया। कुछ देर में एयरपोर्ट के आसपास का चक्कर लगाकर लड़ाकू विमान वापस लौट गए। विमानों की आवजाही को लेकर लोग आपस में चर्चाऐं करते दिखाई दिए।