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काला हिरण शिकार मामला: फैसला 1 अप्रैल को
नई दिल्ली। जोधपुर के कांकाणी हिरण शिकार मामले में गुरुवार को लोक अभियोजक पक्ष की ओर से दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र एक बार फिर से फैसला टल गया है। ग्रामीण कोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई गुरूवार को होनी थी। फैसला सुनाने वाले सीजेएम दलपत सिंह राजपुरोहित का प्रमोशन हो जाने के कारण इस मामले की सुनवाई को फिलहाल 1 अप्रैल तक के लिए टाल दिया गया है।
इससे पहले एक मार्च को इस मामले को लेकर अंतिम बहस प्रारंभ होने से पूर्व अभियोजन पक्ष की ओर से एक अर्जी दी गई थी, जिससे मामले में नया मोड़ आ गया था। इसके बाद आठ मार्च को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी हो गई थी। कोर्ट ने दस मार्च की तारीख तय की थी, लेकिन दस मार्च को न्यायधीश का प्रमोशन होने के चलते मामले की सुनवाई टल गई थी। अगली तारीख 16 मार्च तय की गई थी, लेकिन उसके बाद भी कोर्ट ने फैसला सुनाने की तिथि को आगे बढ़ाते हुए इसे 23 मार्च तक के लिए टाल दिया था।
इसके बाद अब 1 अप्रेल को फिर से सुनवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार अर्जी में मृत हिरणों का पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सक के खिलाफ दर्ज मामले के दस्तावेज उपलब्ध कराने की अपील की गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया था कि हिरण गोली से नहीं मरा है, बल्कि उसकी नेचुरल डेथ हुई थी।