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कालेधन को अपने खाते में जमा न करायें: मोदी

हमेशा की ही तरह इस बार भी “मन की बात” के जरीए देश की जनता से रूबरू हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो पर ‘मन की बात‘ कार्यक्रम के माध्यम से देश को संबोधित किया. ‘मन की बात’ कार्यक्रम का ये 26वां संस्करण था।

पीएम के मन की बातें :
-हर साल की तरह इस बार भी दिवाली मनाने के लिए चीन की सीमा पर सरहद पर जवानों के पास गया।

-देशवासियों ने जो शुभकामनाएं और संदेश भेजे। साथ ही अपनी खुशियों में देश के सुरक्षाबलों को शामिल किया उसकी एक अद्भुत प्रतिक्रिया थी।

-मेरी आपसे विनती है कि हम अपना स्वभाव ऐसा बनाएं कि कोई भी उत्सव हो, देश के जवानों को हम किसी-न-किसी रूप में याद करें।

-जम्मू-कश्मीर के प्रधान मुझसे मिलने आए। कश्मीर में जो स्कूल जलाए गए, उसकी चर्चा भी हुई। आज मुझे खुशी है है कि कश्मीर घाटी से आए हुए इन सभी प्रधानों ने गांव में जाकर के सब दूर लोगों को जागृत किया।

-करीब 95% कश्मीर के छात्र-छात्राओं ने बोर्ड की परीक्षा में हिस्सा लिया।

-नोटबंदी का निर्णय सामान्य नहीं है, कठिनाइयों से भरा हुआ है।

-मुझे अंदाज था कि हमें सामान्य जीवन में अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

-निर्णय इतना बड़ा है इसके बाहर निकलने में 50 दिन तो लग जाएंगे।

-देश में 500-1000 और ऐसी करेंसियों की भरमार है। पूरा विश्व बहुत बारीकी से देख रहा है।

-विश्व के मन में प्रश्न चिन्ह हो सकता है, लेकिन भारत को विश्वास है कि देशवासी संकल्प पूर्ण करके ही रहेंगे।

-केंद्र, राज्य, स्थानीय स्वराज संस्थाओं की इकाइयां, बैंक कर्मचारी, पोस्ट ऑफिस दिन रात इस काम में जुटे हैं।

-कुछ लोगों में बुराइयां इतनी हैं कि आज भी बुराइयों की आदत जाती नहीं है।

-बेनामी संपत्ति का इतना कठोर कानून बना है, कितनी कठिनाई आएगी और सरकार नहीं चाहती है कि देशवासियों को कोई कठिनाई आए।

-मोबाइल एप और तकनीक का इस्तेमाल करें।

-कैशलैस अर्थव्यवस्था को अपनाने में छोटे व्यापारी भूमिका निभाएं।

-छोटे व्यापारी भी मोबाइल एप, मोबाइल बैंक, क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ग्राहकों की सेवा कर रहे हैं।

-आज नोटों के सिवाए अनेक रास्ते हैं, जिससे हम कारोबार चला सकते हैं।

-नई व्यवस्था से हम चाहते हैं मजदूर का बैंक में खाता हो, आपके पगार के पैसे आपके बैंक में जमा हों।

-आपके बैंक खाते में पैसे आ गए तो आप भी छोटे से मोबाइल फोन को ई-बटुवे की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं।

-हमारा सपना है कैशलैस सोसायटी का। शत-प्रतिशत कैशलैस सोसायटी संभव नहीं, लेकिन लैस कैश सोसायटी की तो शुरुआत करें।

– देश के गरीब लोग थोड़े से लालच के लिए किसी के बहकावे में न आयें और कालेधन को अपने खाते में जमा न करायें।

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