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घर के मंदिर में कान्हा की मूर्ति संग रखें ये 6 चीजें, बनीं रहेगी हमेशा सुख-समृद्धि

भगवान श्री कृष्ण को प्रेम का स्वरूप माना जाता है। पुराणों के अनुसार माना जाता है कि भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति घर पर रखने के विशेष लाभ है। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती हैं। पीले रंग का पीतांबर धारण हुए कान्हा को कुछ चीजें काफी प्रिय है। जो व्यक्ति भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी, गाय, माखन मिश्री, मोर पंख, कमल और वैजयंती माला अर्पित करता है तो उसकी हर मनोकामना पूर्ण होती है।

शास्त्रों के अनुसार श्रीकृष्ण को प्रिय ये वस्तुएं हमारे जीवन से किसी न किसी तरह से जुड़ी हुई हैं। जो हमे लाइफ मैनेटमेंट का एक अच्छा उदाहरण देता है। जानिए इन चीजों का क्या है मतलब।

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बांसुरी

कान्हा को बांसुरी बहुत ही प्रिय है। बांसुरी एकदम सीधी होती है जिसमें एक भी गांठ नहीं होती है। जिसका मतलब होता है कि अपने मन में किसी भी तरह की गांठ नहीं रखना चाहिए। जिससे आपके मन में किसी भी तरह के द्वेष नहीं उत्पन्न होगा। वहीं इसका दूसरा मतलब है कि  बिना बजाय बांसुरी नहीं बजती है। इसका मतलब है कि जब तक मत बोलो जब तक जरुरत न हो।

गाय

गाय को पूज्नीय माना जाता है। गाय से प्राप्त गौ का मूत्र, गोबर, दूध, दही और घी का इस्तेमाल किया जाता है। जिससे आपका शरीर हमेशा स्वस्थ्य रहता है।

मोरपंख

कान्हा को मोरपंख काफी प्रिय है। इसीलिए वह इसे अपने सिर पर धारण करते हैं। मोर मुकुट का गहरा रंग कठिनाईयों को कम करके आपको सुख-शांति और समृद्धि प्रदान करना है।

कमल

कमल कीचड़ में उगलता है लेकिन हमेशा कीचड़ से अलग ही रहता है। इसलिए इसे पवित्र माना जाता है। कमल का मतलब है कि आप कैसे जीना चाहते है।

मिश्री और माखन

कान्हा को माखन और मिश्री काफी प्रिय है। मिश्री का एक महत्वपूर्ण गुण यह है कि जब इसे माखन में मिलाया जाता है इसकी मिठास माखन में बिल्कुल खुल जाती है। इसी तरह हर किसी को अपने व्यवहार को रखना चाहिए। माखन-मिश्री प्रेम को अपनाने का संदेश देता है।

वैजयंती माला

वैजयंती माला कमल के बीजों से बनाया जाता है। कमल के बीज बहुत ही सख्त होते हैं। जो कभी भी टूटते य फिर सड़ते नहीं है। जिसका मतलब है कि जीवन में हमेशा अडिग रहो। आपके रास्त में चाहे जितनी भी अड़चने आए उसे बहुत ही शान के साथ पार करे। इसके साथ ही हमेशा जमीन से जुड़े रहे। आप चाहे जितने बड़े या फिर धनवान न हो जाए। लेकिन अपने अस्तित्व की असहलियत न भूले।

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