Breaking NewsUttarakhand

खराब काम करने पर अब अधिकारी भी नहीं बचेंगे, शासनादेश हुआ जारी

देहरादून। सड़क से लेकर अन्य निर्माण कार्य में गड़बड़ी होने पर अब ठेकेदारों के साथ ही अफसरों से भी वसूली होगी। शासन ने अब यह तय कर दिया है कि नुकसान होने पर ठेकेदार सहित किस अफसर से कितनी भरपाई की जाएगी।

अब तक अधिकतर मामलों में ठेकेदारों पर ही गाज गिरती थी। नई व्यवस्था के तहत लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर से लेकर जूनियर इंजीनियर तक को नुकसान की भरपाई अपनी जेब से करनी होगी। अब दूसरे के सर ठीकरा फोड़कर अधिकारी नहीं बच पाएंगे। मसलन गलत डिजायन के कारण होने वाले नुकसान की वसूली स्वीकृति देने वाले चीफ इंजीनियर, एससी या एक्सइएन तक से होगी।

गलती या गड़बड़ी होने पर जो भी नुकसान होगा, उसकी वसूली अधिकारियों से भी होगी। स्पष्ट आदेश होने के कारण कोर्ट कचहरियों के मामलों से भी निजात मिलेगी और अधिकारी भी लापरवाही नहीं करेंगे।
– ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव

ये है विभाग की नई व्यवस्था

भंडार में गबन/ नुकसान पर वसूली (कुल नुकसान का प्रतिशत)
जूनियर इंजीनियर –         60 प्रतिशत
असिस्टेंट इंजीनियर –      25 प्रतिशत
एक्सक्यूटिव इंजीनियर –  15 प्रतिशत

अगर स्टोर कीपर इंचार्ज है तो
स्टोर कीपर                     35 प्रतिशत
जूनियर इंजीनियर            25 प्रतिशत
असिस्टेंट इंजीनियर          25 प्रतिशत
एक्सक्यूटिव इंजीनियर        15 प्रतिशत

Advertisements
Ad 13

कुटाई के काम में कुल सरकारी नुकसान की 75 प्रतिशत जूनियर इंजीनियर और 25 प्रतिशत असिस्टेंट इंजीनियर से वसूली।

सामग्री अंडर या ओवर साइज हुई तो
ठेकेदार को देने वाले रेट में कटौती
पांच प्रतिशत तक – कोई कमी नहीं
10 प्रतिशत तक    – 10 प्रतिशत कमी
15 प्रतिशत तक     – 30 प्रतिशत कमी
20 प्रतिशत तक     50 प्रतिशत तक
20 प्रतिशत से अधिक    -काम निरस्त

गलत डिजायन

– स्वीकृति चीफ इंजीनियर की है : कुल नुकसान का 50 प्रतिशत चीफ इंजीनियर एवं एससी के बीच बराबर / बाकी बचे हिस्से में चीफ इंजीनियर और सहायक अभियंता से बराबर
– स्वीकृति एससी (अधीक्षण अभियंता) की है : कुल नुकसान का 50 प्रतिशत एससी से, शेष एससी और असिस्टेंट इंजीनियर से बराबर
– स्वीकृति एक्सईएन (अधिशासी अभियंता) की हो तो : 50 प्रतिशत एक्सईएन से, बाकी का 50 प्रतिशत असिस्टेंट इंजीनियर से

पेंटिंग वर्क
– 50 प्रतिशत ठेकेदार से, शेष आधी राशि का आधा जूनियर इंजीनियर से, बाकी बची राशि का 35 प्रतिशत असिस्टेंट इंजीनियर से और 15 प्रतिशत एक्सईएन से।
– पेंटिंग वर्क यदी प्लांट के जरिये किया गया है और ग्रिट ग्रेडिंग में कमी पाई गई है तो ठेकेदार, जूनियर इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर और एक्सईएन से वसूली होगी।

एस्टीमेट में गलत आकलन के कारण ज्यादा स्वीकृति होने पर
– चीफ इंजीनियर ने स्वीकृति दी हो तो चीफ इंजीनियर और एससी पर कुल नुकसान का 50 प्रतिशत, दोनों से बराबर
– एससी ने स्वीकृति दी हो तो नुकसान का 50 प्रतिशत एससी से वसूला जाएगा और बाकी का अन्य अधिकारियों से
– एक्सईएन ने स्वीकृति दी हो तो नुकसान का 50 प्रतिशत एक्सईएन से और बाकी का अन्य अधिकारियों से वसूलेंगे

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button