देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की मुस्लिम बस्ती में बच्चों के चोर-सिपाही के खेल में असली पिस्टल से गोली चलने से छह साल की बच्ची की मौत हो गई। हार्डवेयर कारोबारी साजिद का साढ़े पांच साल का बेटा खेलने के लिए पिता की लोडिड लाइसेंसी पिस्टल उठा लाया था।
खेलते समय ट्रिगर दबने से गोली उसकी बहन (ताऊ की बेटी) के सिर में जा धंसी। नाजुक हालत में बच्ची को दिल्ली के गंगाराम अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पिस्टल जब्त करने के साथ कारोबारी के खिलाफ लापरवाही की धारा में मुकदमा दर्ज किया है।
दिल दहला देने वाली यह घटना चार अगस्त की शाम की है, लेकिन इसका खुलासा मंगलवार को बच्ची की मौत के बाद हुआ। पुलिस के मुताबिक पटेलनगर कोतवाली की मुस्लिम बस्ती (कारगी चौक) निवासी हार्डवेयर कारोबारी साजिद अली का साढ़े पांच साल का बेटा मुसाब अपनी चचेरी बहन बेबी जायका (छह) और अलफीजा (पांच) के साथ घर के बाहर खेल रहा था।
इसी बीच मुसाब तकिये के नीचे रखी हुई पिता की लाइसेंसी पिस्टल (.32 बोर) ले आया। उसे नहीं मालूम था कि पिस्टल लोडेड है। चोर-सिपाही का खेल खेलते समय मासूम के हाथ से पिस्टल का ट्रिगर दब गया और गोली सीधे सामने खड़ी जायका के सिर में जा लगी है। गोली की आवाज सुनकर परिजन बाहर की तरफ दौड़े। जायका को लहूलुहान देखकर परिवार मेें कोहराम मच गया।
परिजन घायल बच्ची को उठाकर श्री महंत इंदिरेश अस्पताल लाए, जहां से उसे दिल्ली के गंगाराम अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल से आए मीमो के आधार पर बाजार चौकी पुलिस जांच को पहुंची तो गोली चलने की जानकारी मिली। पटेलनगर पुलिस ने सोमवार को ही पिस्टल, मैगजीन और कारतूस जब्त कर लिया था। इसी बीच सोमवार रात बच्ची की मौत हो गई। मंगलवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
यह घटना 48 घंटे तक छिपी रही। हालांकि पुलिस को इसकी जानकारी चार अगस्त की रात को ही पुलिस को मिल गई थी। पुलिस सोमवार को गंभीर चोट का मुकदमा दर्ज करने के बाद घटना को पर्दा डाले रही। मंगलवार को शव का पोस्टमार्टम होने के बाद यह मामला उजागर हुआ। इसके बाद पुलिस ने मुकदमे में लापरवाही की धारा का इजाफा किया।
पुलिस अधीक्षक नगर श्वेता चौबे ने बताया कि मुस्लिम बस्ती में गोली लगने से हुई बच्ची की मौत के मामले में शस्त्र धारक साजिद अली के खिलाफ लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया गया है। शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराने की संस्तुति जिलाधिकारी को भेजी जा रही है।