मंदसौर में बारिश ने मचाया कोहराम, तोड़ा 75 साल का रिकॉर्ड
भोपाल। मध्यप्रदेश के मंदसौर में बारिश ने 75 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यहां इस मानसून में अब तक 77.5 इंच बारिश हो चुकी है, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है। इससे पहले यहां 1944 में सबसे अधिक 62 इंच पानी बरसा था। शुक्रवार शाम से रविवार सुबह तक 9 इंच बारिश हुई, जिसके कारण 200 गांवों में कमर तक पानी घुस गया। जिला प्रशासन ने 117 गांवों को खाली करा लिया है। अब तक 20 हजार लोगों को 55 राहत कैंपों में पहुंचाया जा चुका है।
शनिवार देर रात करीब ढाई बजे गांधी सागर डैम का पानी मंदसौर और नीमच जिले के 63 गांवों में पानी घुस गया। जब लोग घरों में सोए हुए थे, तब बाढ़ से दहशत फैल गई। आननफानन में गांवों को नावों के जरिए खाली कराया गया, जो रविवार सुबह 9 बजे तक जारी रहा। गांधी सागर बांध के कारण मप्र-राजस्थान में बनी परिस्थितियों की रविवार को केंद्र सरकार ने समीक्षा की। गांधी सागर में बारिश का 16 लाख क्यूसेक पानी आ रहा है, जबकि 6.65 लाख क्यूसेक छोड़ा जा रहा है। इससे बांध ओवरफ्लो है।
गांधीसागर के एसडीओ ने बताया कि बांध का वॉटर लेवल शनिवार को 1318 फीट पर था। बांध से 6.65 लाख पानी छोड़ा जा रहा है। इससे वॉटर लेवल कम तो हुआ था, लेकिन शनिवार शाम हुई तेज बारिश से रविवार को जलस्तर 2 फीट तक बढ़ गया। इसे सामान्य स्थिति तक पहुंचने में करीब 18 घंटे का वक्त लग सकता है। इस बीच, अगर बारिश हुई तो परेशानी बढ़ जाएगी।
नीमच का रामपुरा जलमग्न हो गया। यहां लाल बाग, बस स्टैंड सहित अन्य क्षेत्र 12 से 14 फीट पानी में डूब गए। प्रशासन ने रात में ही 35 से अधिक नावों के सहारे करीब 2500 लोगों को घरों से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। मौसम केंद्र ने सोमवार को मंदसौर-नीमच में रेड अलर्ट जारी किया है।
भोपाल-इंदौर में सोमवार-मंगलवार को हल्की बारिश होने की संभावना है। इसके बाद 22 सितंबर तक कभी कम कभी तेज बारिश हाे सकती है। मौसम वैज्ञानिक वेद प्रकाश का कहना है कि 23 सितंबर से ही राहत की उम्मीद है। भोपाल में अब तक 165.37 सेमी बारिश हो चुकी है। यह सामान्य से 83% ज्यादा है।
मौसम में नमी के कारण रविवार सुबह राजाभोज एयरपोर्ट पर दृश्यता 300 मीटर रह गई। हज यात्रियों की फ्लाइट डायवर्ट कर नागपुर में लैंड करानी पड़ी। मुंबई से भोपाल आने वाली इंडिगो की फ्लाइट भी रन वे पर नहीं उतर सकी। इसे इंदौर डायवर्ट किया गया। दिल्ली-मुंबई की 4 उड़ानों में हुई। हालांकि, दिन में फ्लाइट ऑपरेशन सामान्य हो गया।
वहीं ग्वालियर में रविवार को दोपहर में डेढ़ घंटे में 26.4 मिमी पानी गिरा। इसे मिलाकर मानसून सीजन में अब तक 743.8 मिमी बारिश हो चुकी है। जबकि औसत बारिश का कोटा 735.9 मिमी है। यानी अब तक के औसत बारिश के कोटा से 7.9 मिमी बारिश अधिक हुई है। जबकि मानसून सीजन के औसत बारिश का कोटा (790.6 मिमी) पूरा होने के लिए अभी 46.8 मिमी बारिश की दरकार है।
ग्वालियर के मौसम विज्ञानी एके शुक्ला के अनुसार अगले 24 घंटे के दौरान अंचल में सक्रिय सिस्टम उत्तर-प्रदेश की तरफ शिफ्ट हो जाएगा। इससे कुछ दिन तक बारिश ज्यादा नहीं होगी। हालांकि, सोमवार को अंचल के ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी एवं दतिया में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना है।
सितंबर आधाबीतने के बाद भी देश में मानसून की विदाई के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। मानसून पिछले साल 15 सितंबर तक मध्य भारत से वापस हो चुका था। लेकिन इस साल तेज बारिश का दौर जारी है। जबकि, उत्तर में भारी नमी और उमस के हालात बरकरार हैं। देश में अब तक सामान्य से 4% औरमध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में 23% ज्यादा बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग के अनुसार,मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, प. बंगाल, कर्नाटक और केरल समेत 12 राज्यों में अगले 2 दिन (सोमवार और मंगलवार) भारी बारिश होने की आशंका है।