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मरीज का सिर ऊंचा रखने के लिए, डॉक्टरों ने घायल के कटे पैर का बना दिया तकिया

झांसी। कहते हैं कि डॉक्टर भगवान का दूसरा रूप होता है मगर डॉक्टर ही यदि हैवान बन जाये तो क्या किया जाये। चिकित्सकों के द्वारा इंसानियत को शर्मसार करने का ऐसा ही एक ताज़ा मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश के झांसी में मेडिकल लापरवाही का एक संगीन मामला देखने को मिला है। यहां पर डॉक्टरों और नर्सों ने दुर्घटना में घायल शख्स को स्ट्रेचर पर लिटा कर उसी के कटे पैर का तकिया बना दिया। प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए एक डॉक्टर समेत चार लोगों को सस्पेंड कर दिया है। मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गई है। शनिवार (10 मार्च) को दीपक मेमोरियल स्कूल की बस विद्यालय की ओर जा रही थी।

रास्ते में ड्राइवर ने एक ट्रैक्टर ट्राली से टक्कर रोकने के चक्कर में बस से अपना नियंत्रण खो दिया और गाड़ी पलट गई। इस हादसे में एक दर्जन बच्चे घायल हो गये। दुर्घटना में बस का क्लीनर घनश्याम का एक पैर कटकर अलग हो गया। घनश्याम को स्थानीय डॉक्टरों ने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज भेज दिया। घनश्याम की मां और उसके भाई कटे हुए पैर को भी साथ ले आए थे।

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महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल साधना कौशिक ने कहा कि पेशेंट को तुरंत मेडिकल सुविधा मुहैया कराई गई। डॉक्टर मरीज का सिर ऊंचा रखने के लिए कोई चीज ढूंढ़ रहे थे, इसके लिए उन्होंने कटे पैर का इस्तेमाल कर लिया। साधना कौशिक के मुताबिक जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। स्थानीय पत्रकारों ने कहा कि घनश्याम की मां देवकी ने बताया कि अस्पताल में तकिया उपलब्ध नहीं था इस वजह से उसके कटे पैर को उसके सिर के नीचे रख दिया गया। हालांकि धनश्याम के घर वाले एक तकिया लेकर आए थे लेकिन डॉक्टरों ने इसका इस्तेमाल पेशेंट के कटे हुए पैर को सपोर्ट देने के लिए किया।

मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है ताकि सही आरोपी का पता लगाया जा सके। इस बीच मेडिकल कॉलेज ने आरोपियों पर प्राथमिक कार्रवाई की है। इस मामले में एक वरिष्ठ डॉक्टर, एक आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी, नर्स इंचार्ज और एक दूसरे शख्स को सस्पेंड कर दिया गया है।

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