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मासूम से दुष्कर्म और हत्या के दोषी को मौत की सज़ा

देहरादून। तीन साल के बच्चे का दुष्कर्म के बाद हत्या करने वाले युवक को विशेष पोक्सो न्यायाधीश रमा पांडेय की अदालत ने मृत्युदंड दिया है। अदालत ने युवक को चार दिन पहले दोषी करार देते हुए निर्णय सुरक्षित कर लिया था। दोषी पर अलग-अलग धाराओं में कुल 1.25 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। शासकीय अधिवक्ता भरत सिंह नेगी ने बताया कि इस मामले में 12 मई 2016 को नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।

घटनाक्रम के अनुसार लखीमपुर खिरी का एक मजदूर का परिवार नेहरू कॉलोनी में एक निर्माणाधीन भवन में काम करता था। उनके साथ ही राजेश उर्फ  जितेंद्र निवासी अकरौली संभल (उत्तर प्रदेश) भी काम करता था। जितेंद्र शराब पीने का आदि था, जिस पर तंग आकर उसके ठेकेदार ने उसे काम से हटा दिया था। घटना के दिन जितेंद्र चुपके से निर्माणाधीन भवन में आया और वहां खेल रहे तीन साल के बच्चे को अपने साथ छत पर ले गया।

आसपास के लोगों ने उसे आते और जाते देखा था। कुछ देर बाद जब बच्चा घर नहीं आया तो उसके परिजनों ने तलाशना शुरू किया। इस बीच बच्चे का भाई निर्माणाधीन भवन की छत पर गया तो देखा कि वह बेहोश पड़ा हुआ था। उसने आसपास के लोगों से पूछा तो जितेंद्र के वहां आने की बात लोगों ने कही। इस पर परिजनों ने पुलिस को सूचना दी और कुछ देर बाद जितेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ रायपुर थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 364, 302 व 377 और 6 पोक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

चार्जशीट दाखिल होने के बाद अभियोजन की ओर से कुल 12 गवाह पेश किए गए। जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार दिया। भरत सिंह नेगी ने बताया कि दोषी को बृहस्पतिवार को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद दोषी को हत्या और दुष्कर्म में सजा सुनाई है। जबकि, आईपीसी 364 (हत्या के लिए अपहरण) में दोष मुक्त किया है। दोषी मुकदमा दर्ज होने के बाद से जेल में बंद है।

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