मिताली राज ने बताई फाइनल में हार की सबसे बड़ी वजह
लंदन: भारतीय कप्तान मिताली राज ने स्वीकार किया कि इंग्लैंड के खिलाफ महिला विश्व कप के फाइनल में लक्ष्य का पीछा करते हुए उनकी टीम पर दबाव हावी हो गया, लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी टीम पर गर्व है।
मैच के बाद मिताली ने कहा, ‘हां, मुझे टीम पर गर्व है। यह इंग्लैंड के लिए आसान नहीं था, लेकिन उन्हें इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने अपने पर दबाव हावी नहीं होने दिया। एक समय पर मैच बिल्कुल संतुलित चल रहा था, लेकिन हम दबाव में आ गए और हमारी टीम हार गई। मुझे अपनी खिलाड़ियों पर गर्व है। उन्होंने दूसरी टीमों के लिए किसी भी मैच को आसान नहीं होने दिया। हमने टूर्नामेंट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। सभी युवा खिलाड़ियों ने अपनी सर्वश्रेष्ठ कोशिश की।’
झूलन गोस्वामी के प्रदर्शन के बारे में उन्होंने कहा, ‘झूलन अनुभवी गेंदबाज हैं और जब भी टीम को जरूरत होती है तो वह हमेशा तैयार रहती हैं। उनका प्रदर्शन इस बार मैच नहीं जिता सका, लेकिन मैं जानती हूं कि इंग्लैंड के पास गहराई है।’
मिताली का आखिरी वर्ल्ड कप : अपने भविष्य के बारे में मिताली ने कहा, ‘मैं निश्चित ही एक-दो साल और खेलूंगी, लेकिन मैं अगले विश्व कप में अपने आप को खेलते हुए नहीं देखती हूं।’
मिताली ने 1999 में पदार्पण किया था। उन्हें 2004 में भारतीय टीम की कमान सौंपी गई थी। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम 2005 और 2017 के विश्व कप फाइनल तक पहुंची, पर एक भी बार जीत नहीं पाई। मिताली ने 185 वनडे मैचों में 51.87 के औसत से 6173 रन बनाए हैं।