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ज्यूडिशियल ह्यूमन राइट्स कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास गर्ग ने कहा- करोना काल में ही 5जी की टेस्टिंग क्यों?

देहरादून। ज्यूडिशियल ह्यूमन राइट्स कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाज सेवी विकास गर्ग ने आज सरकार व उस कंपनी से सवाल किया जिसने कोरोना काल मे 5 जी की टैस्टिंग शुरू की। उन्होने कहा विषय यह है की करोना काल में ही 5जी की टेस्टिंग क्यों? वह मानते हैं देश भर में 5G की टेस्टिंग की वजह से कोरोना नही बढ़ा ठीक है।

लेकिन देश के अंदर 5G की टेस्टिंग से एक रेडिएशन जो फैली है लोगों को करंट सा लगना और रेडिएशन की वजह से माहौल खराब होना आपको पता है जब देश मे 2 जी 3जी ओर 4जी की टेस्टिंग के बाद सभी जी हिंदुस्तान के अंदर शुरू हुई आपको पता है हमारे देश में कितने प्यारे प्यारे छोटे पक्षी जिसमें छोटी छोटी चिड़िया गुरशलो को लगभग मौत के घाट उतारा जा चुका हैं वह किसके कारण हुआ इन G की टेस्टिंग ओर देश मे ये नेटवर्क शुरू हुआ उसके कारण।

सवाल आखिर कोरोना काल के दौरान ही 5G की टेस्टिंग क्यों? यह कार्य संदेह के घेरे में है। आपकी बात मैं मानता हूं 5G की टेस्टिंग से कोरोनावायरस नही हो सकता लेकिन 5G की टेस्टिंग से जो रेडिएशन देशभर में फैली है उसका क्या? जिसके कारण लोगों को हल्का हल्का सा करंट महसूस हो रहा है। और भी कई बीमारियां ओर समस्याएं लोगों को इस रेडिएशन के कारण हो रही है। उन्होंने कहा कहीं भी किसी भी कंपनी का टावर लगा हुआ है उसके आसपास का वातावरण ओर माहौल बहुत ही अजीब सा बना रहता है उसके रेडिएशन से कई बीमारी होने का खतरा रहता है।

मेरा तो सरकार और उस कंपनी से एक ही सवाल है कि कोरोनावायरस काल के दौरान ही ही 5 जी की टेस्टिंग क्यों?
अगर कंपनी सही है और सरकार भी इस को सही मानती है तो हाल-फिलहाल 5G की टेस्टिंग को सरकार को तुरंत बंद करा देना चाहिए और इसको कोरोना कॉल के बाद जब माहौल सही हो जाए तब 5G की टेस्टिंग होनी चाहिए। ताकि लोगो के दिलो में जो भय और सवाल है वो खत्म हो जाये।

श्री गर्ग ने कहा हिंदुस्तान के अंदर इतनी मारामारी नहीं आ रही है अभी 4G से ही काम चल रहा है और 4जी की अच्छी स्पीड है तो मैं मानता हूं कि अभी 5G की हिंदुस्तान को जरूरत नहीं है अभी इस कोरोना कॉल के अंदर इसको बंद करने की आवश्यकता है। जिसका मैं समर्थन करता हूँ।

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