गजब का संयोग! 27 साल पहले 11A सीट की वजह से बची थी एक और व्यक्ति की जान
एयर इंडिया के प्लेन हादसे में जीवित बचे रमेश विश्वास की तरह एक और शख्स की जान 11 ए सीट की वजह से बची थी। पीड़ित ने खुद इसकी जानकारी दी।

नई दिल्ली। अहमदाबाद प्लेन क्रैश में इकलौते जीवित बचे रमेश विश्वास का इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि वे 11ए सीट पर बैठे हुए थे और जब प्लेन क्रैश हुआ तो प्लेन का दरवाजा टूटा और वे नीचे गिर गए। इससे उनकी जान बच गई है। एकदम इसी तरह एक विमान हादसा आज के 27 साल पहले 1998 में हुआ था, उसमे में एक थाई एक्टर-सिंगर की जान बच गई थी, वह भी उसी सीट पर बैठे हुए थे जिस पर रमेश बैठे थे यानी 11ए… ऐसे में लोगों के बीच 11ए सीट को लेकर तरह-तरह की बातें हो रही हैं।
1998 में हुआ था हादसा
थाईलैंड के एक्टर-सिंगर रुआंगसाक लोयचुसाक ने बताया कि उन्होंने जब एयर इंडिया प्लेन के इस क्रैश के बारे में सुना तो उन्हें एक अजीब संयोग का पता चला है। उन्होंने बताया कि 11 दिसंबर 1998 में जब वे 20 साल के थे तब थाई एयरवेज की फ्लाइट नंबर TG261 प्लेन के साथ भी ऐसा हादसा हुआ था और उसमें सभी सवार 146 लोगों में 101 लोगों की मौत हो गई थी।
फेसबुक पर लिखी पोस्ट
47 वर्षीय रुआंगसाक लोयचुसाक ने बताया कि जब उन्हें पता चला कि रमेश विश्वास नाम का एक ब्रिटिश नागरिक एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI171 हादसे में चमत्कारिक रूप से बच गया और वह हादसे के समय 11ए सीट नंबर पर बैठा तो उन्हें भी अपना वाकया याद आया और उनके रोंगटे खड़े हो गए क्योंकि उनके साथ हुए हादसे में भी उनकी सीट का नंबर 11ए ही था और उनकी भी जान चमत्कारिक रूप से बच गई थी। उन्होंने फेसबुक पर थाई भाषा में लिखे पोस्ट में कहा, “भारत में प्लेन हादसे में जीवित बचे व्यक्ति। वह मेरे ही तरह एक ही सीट पर बैठे थे। 11ए।”
10 साल तक नहीं ली फ्लाइट
रुआंगसाक ने बताया कि उनके पास 1998 में बोर्डिंग पास नहीं था, लेकिन न्यूजपेपर में उनकी सीट का नंबर भी 11ए बताया गया था। हालांकि मौत को मात देने वाले एक्टर ने कहा कि उन्हें वह हादसा आज भी बुरे सपने की तरह याद है, जो वह सालों से झेल रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्टर रुआंगसाक ने 10 साल तक किसी भी फ्लाइट में यात्रा नहीं की।
297 लोगों की जा चुकी है जान
जानकारी दे दें कि गुजरात के अहमदाबाद से लंदन के गैटविक जा रही एयर इंडिया की प्लाइट नंबर एआई-171 (बोइंग 787 ड्रीमलाइनर) टेक-ऑफ करने के तुरंत बाद क्रैश हो गई। इस हादसे में 242 लोगों में से 241 लोगों की जान चली गई। साथ ही जिस मेडिकल कॉलेज के मेस पर प्लेन गिरा वहां आसपास मौजूद करीबन 56 लोगों की जान चली गई। इस हादसे में इकलौते रमेश विश्वास ही बचे जिन्होंने बताया कि उनकी सीट नंबर 11ए थी और उन्हें खुद नहीं पता कि वे आखिर कैसे बच गए।
उन्होंने डीडी न्यूज को बताया,”कुछ समय के लिए मुझे लगा कि मैं भी मरने वाला हूं। लेकिन जब मैंने अपनी आंखें खोलीं, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं जीवित हूं और मैंने सीट से बेल्ट खोलकर जहां भी संभव हो भागने की कोशिश की।”