Breaking NewsNational

निर्भया केस में दोषी अक्षय के वकील ने जांच पर उठाए सवाल

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की नई बेंच निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषी अक्षय कुमार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने अक्षय के वकील एपी सिंह को बात रखने के लिए 30 मिनट का वक्त दिया है। वकील ने कहा कि मामले की जांच कई सवालों के घेरे में है। अब हमारे पास नए तथ्य हैं। मीडिया, राजनीति और जनता के दवाब में अक्षय को दोषी ठहरा दिया गया।इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें वकील संजीव कुमार ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग की है।

वहीं, निर्भया के पिता ने सुनवाई से पहले कहा- उम्मीद है कि दोषी अभय की याचिका खारिज होगी। देश चाहता है कि दोषियों को फांसी देने की तारीख तय हो। अक्षय ने याचिका में दिल्ली के प्रदूषण का हवाला देते हुए मौत की सजा पर सवाल उठाए। उसने कहा था कि जब प्रदूषण की वजह से वैसे ही दिल्ली में लोगों की उम्र घट रही है तो ऐसे में मौत की सजा क्यों दी जाए?

इससे पहले मंगलवार को चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। सीजेआई ने कहा था कि उनके एक रिश्तेदार ने निर्भया की मां की तरफ से केस की पैरवी की थी। नई बेंच में सीजेआई की जगह जस्टिस एसए बोपन्ना और जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं। निर्भया में तीन दोषियों की पुनर्विचार याचिकाएं पहले ही खारिज हो चुकी हैं।
अक्षय ने मौत की सजा से बचने के लिए अजीब दलीलें दीं थीं। उसने याचिका में दिल्ली के गैस चैंबर होने, सतयुग-कलियुग, महात्मा गांधी, अहिंसा के सिद्धांत और दुनियाभर के शोधों का जिक्र किया था। अक्षय ने कहा था कि जब दिल्ली में प्रदूषण की वजह से वैसे ही लोगों की उम्र घट रही है, तब हमें फांसी क्यों दी जा रही है?
16 दिसंबर 2012 में हुए निर्भया दुष्कर्म और हत्या मामले में 2013 में निचली अदालत ने अक्षय, मुकेश, पवन और विनय को मौत की सजा सुनाई थी। एक अन्य दोषी राम सिंह ने कथित तौर पर तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी। एक दोषी नाबालिग का केस जुवेनाइल कोर्ट में चल रहा है। 2017 में मुकेश, पवन और विनय ने फैसले पर पुनर्विचार याचिका लगाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल खारिज कर दिया था। दोषी विनय ने राष्ट्रपति के पास भेजी दया याचिका वापस लेने की मांग की है। उसने कहा था कि दया याचिका पर मेरे हस्ताक्षर नहीं हैं।

वहीं दिल्ली की तिहाड़ जेल ने उत्तर प्रदेश से दो जल्लाद मुहैया करवाने के लिए कहा है। उत्तर प्रदेश के एडीजी (जेल) आनंद कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि हमें 9 दिसंबर (सोमवार) को फैक्स के माध्यम से तिहाड़ जेल से एक पत्र मिला है, जिसमें यूपी के दो जल्लादों की सेवाएं मांगी गई हैं, क्योंकि उनके( तिहाड़ जेल) पास जल्लाद नहीं हैं। पत्र में दोषियों को फांसी दिए जाने का कोई जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन कहा गया है कि इसकी जरूरत पड़ सकती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button