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जया प्रदा के खिलाफ जारी हुआ गैर जमानती वारंट, जानिए पूरा मामला

जया प्रदा के खिलाफ कोर्ट ने एक मामले को लेकर वारंट जारी किया, जिसमें उन्हें बार-बार गवाही के लिए बुलाया गया, लेकिन इसके बावजूद वह नहीं पहुंची थीं।

मुरादाबाद। भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सांसद जया प्रदा के खिलाफ 2019 के एक मामले में मुरादाबाद कोर्ट ने गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया है। मामला मुरादाबाद के हैबिटेट मुस्लिम इंटर कॉलेज में आयोजित एक सम्मान समारोह का है, जहां समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने जया प्रदा के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस कार्यक्रम में सपा के नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम भी मौजूद थे।

विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल बिश्नोई ने बताया, ”मुरादाबाद में पुलिस ने एक मामला दर्ज किया था। इस मामले में जया प्रदा को गवाही के लिए कई बार बुलाया गया था, जिसमें उन्हें जमानती वारंट भी जारी किए गए थे, लेकिन आज उनकी अर्जी खारिज कर दी गई।” इसलिए, मुरादाबाद अदालत में उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है।”

फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में जेल में बंद है आजम परिवार 

बता दें कि उत्तर प्रदेश की एक अदालत ने 18 अक्टूबर को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में दोषी ठहराए गए आजम खान, उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात साल की जेल की सजा और तीनों को 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। कोर्ट के फैसले के बारे में बात करते हुए पूर्व डीजीएस (क्राइम) अरुण सक्सेना ने कहा कि अब्दुल्ला आजम खान के पास दो जन्म प्रमाण पत्र थे। आकाश सक्सेना ने एफआईआर दर्ज की।

जांच के बाद आरोप पत्र दायर किया गया। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, और तीनों लोगों को दोषी पाया गया। दोषसिद्धि बिंदु पर अदालत ने तीनों को अधिकतम सात साल की सजा सुनाई। लगभग 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।” पूर्व डीजीसी ने आगे कहा कि आजम खान का पहला जन्म प्रमाण पत्र 1 जनवरी 1993 का है, जबकि दूसरा जन्म प्रमाण पत्र लखनऊ से बनाया गया था, जहां उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 है।

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