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B.Ed की जगह अब छात्रों को करना होगा ये कोर्स, पढ़िए पूरी जानकारी

एजुकेशन सिस्टम में शिक्षक स्तर पर सुधार करने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाया है। पूरे देश में 57 टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन शुरू किए गए हैं।

नई दिल्ली। एजुकेशन सिस्टम में शिक्षक स्तर पर सुधार करने के लिए सरकार ने बैचलर ऑफ एजुकेशन यानी B.Ed कोर्स में एक बार फिर बदलाव करने का फैसला लिया है। नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (National Council for Teacher Education-NCTE) ने पूरे देश में एकेडमिक सेशन 2023-24 के लिए 57 टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन (TEI) में इंटेग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) शुरू किया है। यह NEP 2020 के तहत एनसीटीई का एक प्रमुख कार्यक्रम है। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।

आईटीईपी की हुई शुरूआत

शिक्षा मंत्रालय ने बताया कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने एकेडमिक सेशन 2023-24 के लिए देश भर के 57 टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन (टीईआई) में एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (आईटीईपी) शुरू किया है। ITEP बीए. बीएड/ बी. एससी, बीएड और बी. कॉम बीएड की पेशकश करने वाली 4 साल की दोहरी-प्रमुख स्नातक डिग्री है। मंत्रालय ने यह भी बताया कि कोर्स में प्रवेश नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (NCET) के माध्यम से किया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज जारी कर इसकी जानकारी दी है।

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मंत्रालय ने प्रेस रिलीज की जारी

“मंत्रालय ने एक प्रेस रिलीज में कहा, “यह कोर्स नए स्कूल संरचना के 4 चरणों यानी फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडिल और सेकेंडरी (5+3+3+4) के लिए शिक्षकों को तैयार करेगा। यह कार्यक्रम शुरू में प्रतिष्ठित केंद्र/राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों/संस्थानों में पायलट मोड में चलाया जा रहा है। आईटीईपी उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा जो माध्यमिक के बाद अपनी पसंद से शिक्षण को पेशे के रूप में चुनते हैं। इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को लाभ होगा क्योंकि वे वर्तमान बी.एड. के लिए आवश्यक 5 वर्षों के बजाय पाठ्यक्रम को 4 वर्षों में पूरा करके एक वर्ष की बचत करेंगे। इसके लिए प्रवेश नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा नेशनल कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (एनसीईटी) के जरिए किया जाएगा।

अधिकारियों ने कहा, आईटीईपी न केवल अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि यह प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई), मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (एफएलएन), समावेशी शिक्षा और भारत एवं इसके मूल्यों, लोकाचार, कला तथा परंपराओं के बीच एक समझ स्थापित करेगा। पाठ्यक्रम पूरे शिक्षक शिक्षा क्षेत्र के पुनरोद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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