पीएम मोदी की बढ़ी मुश्किलें, कैसे करें मंत्रिमंडल विस्तार
नई दिल्ली। मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले शनिवार की शाम पीएम मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बीच अहम मुलाकात होन वाली है। इस मुलाकात में अंतिम फैसले के बारे में अमित शाह द्वारा पीएम को बताई जाएगी, और फिर नामों पर अंतिम मुहर लग जाएगा।हालांकि मंत्रिमंडल का विस्तार रविवार की सुबह साढ़े 10 बजे होगी।
फिलहाल सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती सहयोगियों की नाराजगी है। खासकर शिवसेना और जेडीयू को किस तरह से मनाई जाए, इस बात बीजेपी के अंदर मंथन भी जारी है, क्योंकि इन दोनों पार्टियों ने मौजूदा मंत्रिमंडल में फेरबदल की खबर से खुद को बेखबर बताई है। दोनों पार्टियों के प्रमुखों ने कहा इस तरह की खबर उन्हें मीडिया के माध्यम से मिल रही है।
उद्धव ठाकरे का बीजेपी पर दबाव
शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि केंद्रीय कैबिनेट में होने वाले फेरबदल में पार्टी के सदस्यों को शामिल किए जाने को लेकर बीजेपी से कोई बातचीत नहीं हुई है। ठाकरे ने कहा, ‘मुझे मीडिया से ही कैबिनेट फेरबदल के बारे में जानकारी मिली। मैंने इस बारे में केंद्रीय बीजेपी नेतृत्व से कोई बातचीत नहीं की है। मुझे किसी से कोई समाचार नहीं मिला है और न ही हम सत्ता के लिए भूखे हैं।’
दरअसल शिवसेना लंबे समय से बीजेपी की सहयोगी रही है लेकिन अक्सर बीजेपी के साथ उसका रूख टकराव का रहा है, अभी कैबिनेट में पार्टी की ओर से एकमात्र सदस्य अनंत गीते भारी उद्योग मंत्री हैं।
नीतीश भी फेरबदल से अनभिज्ञ
वहीं जेडीयू भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी के रुख से खुश नहीं है। पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए नीतीश कुमार ने भी उद्धव की तरह मंत्रिमंडल में फेरबदल से खुद को अनभिज्ञ बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर अब तक उनकी पार्टी की बीजेपी से कोई बातचीत नहीं हुई है, उन्हें भी फेरबदल की खबर मीडिया के जरिये मिल रही है।
जेडीयू-बीजेपी के बीच मंथन जारी
हालांकि पहले खबर थी कि JDU एक कैबिनेट मंत्री और एक राज्यमंत्री के प्रस्ताव पर मान गई है। लेकिन बाद में सूत्रों के हलावे से मिल की मंत्रिमंडल में संख्या और मंत्रीपद को लेकर दोनों के बीच खींचतान जारी है। लेकिन अब नीतीश कुमार ने इन खबरों पर विराम लगाते हुए कहा कि उनसे इस बारे में कोई संपर्क नहीं किया है।
जेडीयू को लगता है कि उनकी तुलना रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी से नहीं की जा सकती जिन्हें एक कैबिनेट पद मिला हुआ है। सूत्रों के मुताबिक जेडीयू मोदी मंत्रिमंडल में कोई रेलवे जैसे रुतबे वाला पोर्टफोलियो चाहता है। इन सबके बीच सूत्रों की मानें तो दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है और मामला शनिवार को सुलझ जाएगा।
इसके अलावा जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने मंत्रिमंडल में शामिल होने के सवाल पर टका सा जवाब दिया कि उन लोगों को मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में कुछ भी पता नहीं है, क्योंकि उनकी पार्टी से किसी की बात नहीं हुई है। ऐसे बयान देकर जेडीयू अपनी नाराजगी सार्वजनिक तौर पर जाहिर कर रही है और बीजेपी पर दबाव बनाने की कोशिश भी कर रही है। वहीं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने भी केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बनाने के लिए लगातार फेरबदल की खबर से अनजान बता रहे हैं।