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पुलिस की लापरवाही के कारण हरकीपैड पर मची भगदड़, बड़ा हादसा होने से टला

हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा स्नान के दौरान हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की पुलिस के साथ जबरदस्त झड़प हो गई। इतना नहीं वहां भगदड़ जैसे स्थिति बनने से कई श्रद्धालु भीड़ में कुचलने से बचे। यहां उस वक्त बड़ा हादसा होने से टला जब ब्रह्मकुंड की तरफ श्रद्धालुओं की नो एंट्री कर दी गई। इसके बाद हरकी पैड़ी के मुख्यद्वार पर श्रद्धालुओं का दबाव बढ़ने पर भगदड़ की स्थिति बन गई।

कई श्रद्धालु नीचे भी गिरे। गनीमत रही कि गिरने वाले श्रद्धालु भीड़ के पैरों तले कुचले जाने से बच गए। गुस्साए श्रद्धालुओं की पुलिस से धक्का-मुक्की तक हो गई। मामला बढ़ता देख एसपी सिटी ममता वोहरा ने मोर्चा संभालते हुए बैरीकेटिंग हटवाकर ब्रह्मकुंड का रास्ता साफ किया तब कही जाकर स्थिति संभल पाई।

हरिद्वार पुलिस को कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं के भारी तादाद में पहुंचने की उम्मीद संभवत कम थी। इसलिए पुलिस ने व्यवस्था को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। शुक्रवार को दिन चढ़ने के साथ ही हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं का दबाव लगातार बढ़ ही रहा था। तभी पुलिस ने हरकी पैड़ी गंगा घाट को खाली कराने के बजाय ब्रह्मकुंड की तरफ एंट्री बंद कर दी।

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उसका नतीजा ये रहा कि श्रद्धालु मुख्य गेट पर उमड़ पड़े। श्रद्धालुओं के हुजूम के आगे सभी व्यवस्थाएं फेल हो गई और भगदड़ की स्थिति बन गई। दबाव अधिक होने पर श्रद्धालुओं की पुलिस से धक्का मुक्की हो गई। श्रद्धालु ब्रह्मकुंड की तरफ जाने की जिद करने लगे।

श्रद्धालुओं ने इस दौरान बैरीकेटिंग तोड़ने का भी प्रयास किया। भीड़ का दबाव अधिक होने पर एसपी सिटी ममता वोहरा तुरंत मौके पर पहुंच गई और बैरीकेटिंग को खुलवाया। तब जाकर स्थिति थोड़ी ठीक हो सकी। पूरे मामले में पुलिस की बदइंतजामी साफ दिखाई दी।

श्रद्धालुओं का रैला उमड़ा हुआ था और हरिद्वार पुलिस का गैर जिम्मेदाराना रवैया ये था कि एक पुलिस अधिकारी की कार को अपर रोड पर ही एंट्री दे दी गई। ऐसे में अपर रोड पर स्थिति बनती-बिगड़ती रही। ये तो शुक्र रहा कि कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, वरना बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता था।

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