Politics: बागेश्वर सीट को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज, कांग्रेस के पास पलटवार का मौका
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के अनुसार, भाजपा की जन विरोधी नीतियों से जनता परेशान है। लोग एक बार फिर कांग्रेस की ओर उम्मीद भरी निगाह से देख रहे हैं। आज के समय में अग्निपथ, अंकिता भंडारी हत्याकांड, महंगाई, बेरोजगारी, भर्ती घोटाले सबसे बड़े मुद्दे हैं। कांग्रेस इन मुद्दे के साथ जनता के बीच जाएगी।
देहरादून। वर्ष 2024 में होने वाले लोस चुनाव से पहले कांग्रेस के पास बागेश्वर में भाजपा को पटखनी देने का मौका है। पूर्व कैबिनेट मंत्री चंदनराम दास के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर जहां भाजपा सहानुभूति का कार्ड खेलेगी, वहीं कांग्रेस के पास ज्वलंत मुद्दों की भरमार है। इस सीट के रिक्त होने के साथ ही पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी थीं, आने वाले दिनों में सरगर्मियां भी तेज हो जाएंगी।
पार्टी नेताओं का कहना है कि संगठनात्मक तौर पर कांग्रेस बागेश्वर में विधानसभा उपचुनाव पूरी मजबूती से लड़ेगी। भाजपा सरकार की विफलता का लाभ पार्टी को मिलेगा। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के अनुसार, भाजपा की जन विरोधी नीतियों से जनता परेशान है। लोग एक बार फिर कांग्रेस की ओर उम्मीद भरी निगाह से देख रहे हैं। आज के समय में अग्निपथ, अंकिता भंडारी हत्याकांड, महंगाई, बेरोजगारी, भर्ती घोटाले सबसे बड़े मुद्दे हैं। कांग्रेस इन मुद्दे के साथ जनता के बीच जाएगी।
उन्होंने बताया कि बागेश्वर में 20 अगस्त से एक सितंबर तक जिले के तीनों विकासखंडों में सम्मेलन किए जाएंगे। जल्द जिले में ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी का गठन होगा। बागेश्वर विस क्षेत्र में 180 बूथ हैं। सभी बूथों पर कमेटियों का गठन कर दिया गया है। पार्टी के शीर्ष नेता और वह खुद दो बार बागेश्वर का दौरा कर चुके हैं। आने वाले दिनों में कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर लोगों से संपर्क करने के काम में लगाया जा जाएगा।
प्रदीप टम्टा, रणजीत दास, नवल किशोर का नाम चर्चा में
बागेश्वर सीट पर उपचुनाव में पार्टी चेहरा बदल सकती है। वर्ष 2022 के चुनाव में पार्टी ने बागेश्वर सीट पर रणजीत दास पर दांव खेला था। जो त्रिकोणीय मुकाबले में चंदनराम दास से 12 हजार से अधिक वोटों से हार गए। इस बार पार्टी पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा पर दांव खेल सकती है। वहीं, नवल किशोर का नाम भी चर्चा में है। इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि पार्टी में प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया निर्धारित मापदंडों के अनुसार ही की जाएगी। जिला कांग्रेस कमेटी से तीन नाम मांगे जाएंगे। पीसीसी के पास नाम आने के बाद उन पर विचार के बाद उन्हें हाईकमान को भेजा जाएगा। अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान की ओर से ही लिया जाएगा।