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रेल हादसे का मंजर देख कांप उठी थी रूह, लोगों की हालत देख रोने लगे डॉक्टर

अमृतसर। पंजाब में अमृतसर के निकट शुक्रवार (19 अक्टूबर, 2018) शाम रावण दहन देखने के लिए रेल पटरियों पर खड़े लोगों के ट्रेन की चपेट में आने से कम से कम 61 लोगों की मौत हो गई जबकि 72 अन्य घायल हो गए। ट्रेन जालंधर से अमृतसर आ रही थी तभी जोड़ा फाटक पर यह हादसा हुआ। मौके पर कम से कम 300 लोग मौजूद थे जो पटरियों के निकट एक मैदान में रावण दहन देख रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या बढ़कर 61 हो गई है। गंभीर हादसे के करीब आधे घंटे बाद सीविल हॉस्पिटल में घायलों का पहुंचना शुरू हो गया था। तब दर्द से बुरी तरह कराह लोगों को देख हॉस्पिटल स्टाफ का भी दिल पसीज गया।

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डॉक्टर तक खुद को रोने से नहीं रोक पाए। डॉक्टर और नर्सों को भी समझ नहीं आ रहा था कि किसे पहले फर्स्ट एड दें। वहां घायलों के लिए बैड कम पड़ रहे थे। पंजाब के एक अखबार के मुताबिक वहां 51 घायल पहुंचे। एक-एक बैड पर दो या तीन मरीजों का इलाज करना पड़ा। आपातकालीन स्थिति को देखते हुए सभी डॉक्टरों को तुरंत हॉस्पिटल बुलाया गया। इस दौरान स्टाफ एक मरीज को देखता तो कभी दूसरे के इलाज में जुट जाता। यहां अभी सभों को शुरुआती चिकित्सा भी नहीं दी गई थी कि दूसरी गाड़ी भी घायलों को हॉस्पिटल ले पहुंची।

जानकारी के मुताबिक हॉस्पिटल में घायलों की स्थिति का अंदाजा महज से इसी बात से पता लगाया जा सकता था कि यहां मरीज जिंदा है या नहीं इसका पता लगाने में ही काफी मुश्किल हो रही थी। 70 वर्षीय एक महिला हॉस्पिटल में पहुंची तो डॉक्टर भी उनकी स्थिति का अंदाजा नहीं लगा पाए कि वो जिंदा हैं या नहीं। डॉक्टरों ने दस मिनट तक उन्हें मृत समझकर इलाज ही नहीं किया। मगर तभी एक शख्स से सांसे चलती देखी तो डॉक्टर को आवाज दी।

हॉस्पिटल में कुल 37 लाशें पहुंची। दस शवों को हॉस्पिटल के फ्रिज में रखा गया। अन्य 27 लाशों के लिए बाहर से बर्फ मंगवानी पड़ी। घटना के तुंरत बाद हॉस्पिटल पहुंचे मरीजों का रो-रोकर बुरा हाल था। किसी का भाई नहीं रहा तो किसी के सिर से पिता का साया उठ गया था। जिनके अपने बच गए थे वो भी बहुत बेचैन थे।

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