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उत्तरकाशी में जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन, श्रमिकों को निकालने के लिए अपनाए जा रहे दूसरे विकल्प

उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए अब अन्य विकल्प अपनाए जा रहे हैं। ऑगर ड्रिलिंग मशीन में आई खराबी के बाद मैन्युअल ड्रिलिंग के साथ ही अन्य विकल्प पर भी काम शुरू कर दिया गया है।

Uttarakhand tunnel rescue operation : उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 15 दिनों से 41 मज़दूर फंसे हुए हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में नई-नई मुश्किलें सामने आ रही हैं।  टनल में ड्रिलिंग मशीन के फंसने के बाद सुरंग में फंसे मजदूरों के जल्द बाहर निकलने की उम्मीद पर पानी फिर गया है। रेस्क्यू में अब लंबा वक्त लग सकता है। सुरंग में फंसे ऑगर मशीन के पार्ट्स को निकालने पर काम चल रहा है। इस बीच दो तीन विकल्पों पर भी काम शुरू कर दिया गया है।

दो-तीन विकल्पों पर काम शुरू

अतिरिक्त सचिव तकनीकी, सड़क और परिवहन महमूद अहमद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ऑगर मशीन 13.98 मीटर अंदर है, उसे लेजर और प्लाजमा कटर से काटा जा रहा है। इसके लिए लेट ऑवर तक काम होगा। उन्होंने कहा कि दो से तीन विकल्पों पर काम शुरू कर दिया गया। एसजीवीएनएल 1.2 मीटर डायमीटर का वर्टिकल ड्रिलिंग कर रही है। भूगर्भशास्त्री ने ड्रिलिंग के लिए नई लोकेशन की पहचान की है। करीब 15 मीटर की क्षैतिज ड्रिलिंग कर ली गई है। हमने एक जगह की पहचान की है जहां से हमारा अनुमान है कि कुल 86 मीटर की ड्रिलिंग होनी है।  एक मशीन 44-45 मीटर ड्रिलिंग करती है। इसके बाद दूसरी मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरी मशीन भी आ गई है।

अहमद ने बताया कि आरीवीएलएल 180 मीटर परपेंडिकुलर हॉरिजेंटल ड्रिलिंग करेगी इसके लिए प्लेटफॉर्म बना रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि 28 तारीख को आरवीएनएल ड्रिल शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि यह एक लंबी प्रक्रिया है। 12 मीटर प्रतिदिन के हिसाब से 15 दिन में 180 मीटर की ड्रिलिंग करेगी। हम एक ड्रिफ्ट टनल भी बनाना चाहते हैं, डिजाइन बना लिया गया है और मंजूरी दे दी गई है… हम इन विभिन्न पक्षों पर काम कर रहे हैं… बड़कोट की ओर से ड्रिलिंग करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

परिजनों का हौसला बढ़ाया

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे चंपावत जिले के टनकपुर निवासी पुष्कर सिंह ऐरी के घर जाकर उनके परिजनों का हौसला बढ़ाया और कहा कि सुरंग में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी ताकत से काम किया जा रहा है । धामी ने सोशल मीडिया पर प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, ‘टनल (सुरंग) में फंसे श्रमिक बंधु पुष्कर सिंह ऐरी जी के टनकपुर, चंपावत स्थित आवास पहुंचकर उनके परिजनों से भेंट की एवं उनका हौसला बढ़ाया। ‘ मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान उन्हें श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए केंद्रीय एजेंसियों एवं प्रदेश प्रशासन द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों की जानकारी दी।

पूरी ताकत के साथ कार्य कर रहे हैं : धामी

उन्होंने कहा, “हम सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए पूरी ताकत के साथ कार्य कर रहे हैं।” धामी ने कहा कि सभी मजदूर स्वस्थ हैं और उन्हें जल्द निकाल लिया जाएगा। इस मौके पर लोकसभा सदस्य अजय टम्टा भी मौजूद रहे । सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से ऐरी समेत दो श्रमिक उत्तराखंड के हैं। एक अन्य श्रमिक गब्बर सिंह नेगी उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार के रहने वाले हैं। इसके अलावा, 15 श्रमिक झारखंड, आठ उत्तर प्रदेश, पांच-पांच बिहार और ओड़िशा, तीन पश्चिम बंगाल, दो असम और एक श्रमिक हिमाचल प्रदेश का रहने वाला है।

मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र चंपावत के मैदानी इलाके टनकपुर में 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले अंतरराज्यीय बस अड्डे का शिलान्यास करने के लिए गए थे । इस मौके पर धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर रोज सिलक्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों तथा उनके बचाव के लिए चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऑगर मशीन में तकनीकी दिक्कत आई है और अब वहां हाथों से (मैनुअल) ड्रिलिंग शुरू की गई है।

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