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सावधान, आपको चुपचाप चूना लगा सकते हैं ईमेल हैकर्स

नई दिल्ली। जैसे-जैसे हमारी जिन्दगी आधुनिकता की ओर बढ़ रही है वैस ही तकनीक के दुरूपयोग भी तेजी से बढ़ रहे हैं। यदि बात आॅनलाइन तकनीक की ही करें तों आज के हाईटैक युग में साइबर अपराध तेजी से हमारे बीच पैर पसार रहा है। ऐसे में जरूरत है जागरूक बनने की और सावधान रहने की।

गौरतलब है कि बीते कुछ समय में साइबर अपराध के तहत ईमेल आईडी हैक किये जाने के कई मामले उजागर हुए हैं। आपको बता दें कि दरअसल ई-मेल आईडी हैक करने के बाद हैकर्स संबंधित फर्म से मिलती-जुलती ईमेल आईडी बना लेते हैं। लेनदेन से संबंधित मेल से भेजे गए मैसेज पढ़ते रहते हैं और जब भुगतान का समय आता है तो भुगतान करने वाली फर्म को खरीदार फर्म बन कर मेल करते हैं और भुगतान के लिए अपना एकाउंट नंबर दे देते हैं।

भुगतान क्रेडिट होने के बाद उसे निकाल कर किसी और फर्म से ठगी में लग जाते हैं। चंदौसी में छह महीने के भीतर दो मैंथा फर्मों को इसी तरह से निशाना बनाया जा चुका है। इसमें एक में कामयाबी मिली दूसरी में सतर्कता ने ठगी से बचाया।

बेहद जरूरी है सावधानी:-
ठगी से बचने का एक मात्र उपाय है स्वयं की सतर्कता। जिन फर्मों से ई-मेल पर सौदे हो रहे हैं उनसे एडवांस पेमेंट लेने के बाद माल डिस्पैच करें तो भुगतान का कोई जोखिम नहीं रहेगा। ई-मेल आईडी हैक कर पेमेंट अपने खाते में मंगा लेने के कई मामले सामने आ चुके हैं। अधिकतर लेनदेन बैंक के माध्यम से करें।

ऐसे कर सकते हैं बचाव:-

सिर्फ ई-मेल के सहारे न रहें, बैंक डिटेल के बारे में फैक्स करें। भुगतान को लेकर अपने एकाउंट नंबर की जानकारी फैक्स के माध्यम से दें। भुगतान लेते-देते समय खरीदार और विक्रेता आपस में बात करें। भुगतान क्रेडिट कराते समय एक बार एहतियाती तौर पर संबंधित फर्म से फोन पर संवाद करें। फोन पर बातचीत और फैक्स पर संदेश मिलने के बाद खाता संख्या की पुष्टि करें। सतर्कता के कुछ और एहतियाती उपाय क्रेता-विक्रेता दोनों आपसी बातचीत करके अपना सकते हैं।

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