सावधान: वाहनों पर जाति, धर्म और व्यवसाय के स्टिकर लगाये तो होगा ये अंजाम
जयपुर। देश में इन दिनों यातायात के नियमों और उस पर उल्लंघन के जुर्माने को लेकर बड़ी बहस छिड़ी हुई है। ऐसे में राजस्थान के यातायात विभाग ने अब उन मोटर चालकों को दंडित करने का फैसला लिया है जो अपने वाहनों पर जाति और धर्म के स्टिकर लगाकर गाड़ी चलाते हैं।
विभाग गाड़ियों में जाति, धर्म, पेशा और राजनीतिक दलों से संबद्ध स्टिकर लगाने वालों से जुर्माना वसूलेगा। 3 सितंबर को ट्रैफिक एसपी के जारी किए गए एक आदेश के अनुसार किसी भी गाड़ी में जाट, ब्राह्मण, राजपूत, हिंदू, मुस्लिम, वकील, डॉक्टर आदि लिखकर चलने वालों का चालान काटा जाएगा।
सिविल राइट्स सोसायटी ने 9 अगस्त को एक पत्र लिखकर अधिकारियों से कहा था कि वाहनों पर जाति, पदनाम और गांव के नाम लिखने का चलन बढ़ रहा है। यह चलन समाज में सांप्रदायिकता और जातिवाद को जन्म दे रहा था। इस पत्र को ट्रैफिक विभाग ने संज्ञानता में लिया और उसके बाद यह आदेश जारी किया।
पत्र में कहा गया है कि वाहनों पर नारे और स्टिकर, विशेष रूप से विंडस्क्रीन पर इस तरह के स्टिकल लगा होना खतरनाक है। ये स्टिकर ड्राइवरों को विचलित कर सकते हैं और उससे ऐक्सिडेंट्स हो सकते हैं। पत्र में यह भी कहा गया कि कई लोग नंबर प्लेटों में नंबर की जगह नाम और नारे भी लिखते हैं। एक वरिष्ठ ट्रैफिक पुलिस अधिकारी ने बताया कि नंबर प्लेटों पर नंबर की जगह कुछ और लिखना अवैध है और इसके लिए 5,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
अब तक गाड़ी की बॉडी और विंड स्क्रीन पर नाम और पदनाम लिखने पर कोई जुर्माना नहीं था। इस ताजा कदम का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विंडस्क्रीन पर ऐसा कुछ न लिखा हो जो खराब दृश्यता का कारण बने और ड्राइवरों को गाड़ी चलाने में बाधा बने। इस आदेश में उस सटीक दंड या कार्रवाई के बारे में नहीं लिखा गया है कि ऐसे मामलों में चालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 177 के अनुसार, यदि अपराध के लिए कोई जुर्माना नहीं है, तो लगाया जाने वाला अधिकतम जुर्माना पहली बार में 100 रुपये है और बाद में यह 300 रुपये तक वसूला जा सकता है।