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वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने पुलिसकर्मियों को निलंबित किये जाने पर जताया विरोध, सरकार से की ये मांग

देहरादून। 4,600 ग्रेड पे मामले में पुलिसकर्मियों के परिजनों द्वारा अपनी मांग को लेकर पत्रकार वार्ता करने पर पुलिस विभाग द्वारा तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें एक सिपाही चमोली, दूसरा उत्तरकाशी और तीसरा देहरादून में तैनात है। पुलिस अधिकारियों द्वारा की गई इस कार्रवाई का वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने पुरजोर विरोध किया है।

वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने पुलिस विभाग की कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाना सिपाहियों व उनके परिजनों के साथ सरासर अन्याय है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों के परिजन सिर्फ अपने हक़ की मांगकर, अपनी बात ही रख रहे थे किंतु इतनी सी बात पर तीन पुलिसकर्मियों को इस तरह से निलंबित किया गया जैसे अपना अधिकार मांगकर उन्होंने व उनके परिजनों ने कोई बहुत बड़ा अपराध कर दिया हो।

उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने सरकार व पुलिस विभाग को घेरते हुए कहा कि लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है। पुलिस विभाग के अधिकारी सरकार के इशारे पर इस आंदोलन को कुचलना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार 4,600 ग्रेड पे की माँग कर रहे पुलिसकर्मियों के परिजनों की आवाज को दबाना चाहती है। पुलिस विभाग की इस कार्रवाई से तो यही प्रतीत होता है।

जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि दरअसल, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी 2001 बैच के सिपाहियों को 4,600 ग्रेड पे नहीं मिला है। इसको लेकर कई चरणों में पुलिसकर्मियों के परिजनों ने अफसरों और सरकार के नुमाइंदों से वार्ता की थी, लेकिन इन वार्ताओं का कोई हल नहीं निकला। इस कार्रवाई के विरोध में भी परिजन पुलिस मुख्यालय के बाहर आंदोलन करने के लिए पहुंचे, लेकिन डीजीपी अशोक कुमार ने उन्हें कोरा आश्वासन देकर लौटा दिया।

जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि पुलिसकर्मी व उनके परिजन सरकार के कोई बंधुआ मजदूर नहीं हैं जो इस कदर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने पूर्व में स्वयं 2001 बैच के सिपाहियों को 4,600 ग्रेड पे देने को लेकर इसकी पूरी तरह पैरवी की थी, साथ ही सीएम धामी ने बीते अक्टूबर माह में पुलिस शहीद दिवस के मौके पर 4,600 ग्रेड पे का लाभ देने की घोषणा भी की थी किन्तु अब सरकार अपने वादे से मुकरना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की गई घोषणा को धरातल पर न उतारना सरकार की वादा खिलाफ और तानाशाहीपूर्ण रवैये को दर्शाता है।

उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार और पुलिस अधिकारी 4,600 ग्रेड पे की मांग कर रहे पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों का उत्पीड़न बन्द करे एवं उनकी बात सुनकर तत्काल उनके हक़ में उचित निर्णय ले। उन्होंने कहा कि यदि शीघ्र ही सरकार अपने वादे को पूरा नहीं करती तो उन्हें राजधानी की सड़कों पर पुनः बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा।

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