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शिक्षण संस्थानों को राजनीति से दूर रखा जाए: निशंक

कोलकाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देश के कई विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन और उनके राजनीतिकरण पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने चिंता जताई। उन्होंने रविवार को कोलकाता के कार्यक्रम में कहा कि सरकार किसी भी सूरत में शिक्षण संस्थानों को राजनीतिक हब बनाना बर्दाश्त नहीं करेगी। सबको राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की आजादी है, लेकिन यूनिवर्सिटी और कॉलेज को इससे दूर रखना चाहिए। ज्यादातर छात्र यहां दूर-दूर से पढ़ाई के लिए आते हैं।

दिल्ली के जेएनयू, जामिया मिलिया इस्लामिया, कोलकाता के जाधवपुर विश्वविद्यालय समेत देशभर के विश्वविद्यालयों के छात्र सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पोखरियाल ने विपक्षी दलों पर सीएए को लेकर गलत सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश को धार्मिक आधार पर बांटने के लिए जिम्मेदार है। वह सीएए को लेकर भ्रम फैला रही है।

सीएए का विरोध करने के लिए पोखरियाल ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि तृणमूल प्रमुख 2005 में जब सांसद थीं तो उन्होंने राज्य में अप्रवासियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उस समय उन्होंने खुलकर नागरिकता कानून की मांग की थी। पोखरियाल ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के फैसले को सही ठहराया और कहा कि ये सभी देश धर्मनिरपेक्ष नहीं हैं।

पोखरियाल ने कहा कि विभाजन के दौरान धार्मिक अल्पसंख्य हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन और ईसाई कीपाकिस्तान में 23% आबादी थी, जो आज करीब 3% हो गई है। मैं ममताजी से पूछना चाहता हूं कि ये लोग कहां गए। कांग्रेस को भी इसका जवाब देना चाहिए कि क्या उन्हें धर्म बदलने के लिए मजबूर किया गया, मार दिया गया या पलायन करने के लिए मजबूर किया गया।पोखरियाल ने दावा किया कि भारत में मुस्लिम आबादी आजादी के दौरान 9% थी, जो आज बढ़कर 14% हो गई है।

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