संवेदनहीन बना अस्पताल प्रशासन, कंधे पर ढ़ोकर ले गया पत्नी का शव
बंदायू। देहरादून के बाद अब यूपी के बदायूं में भी अस्पताल प्रशासन का निर्दयी एवं संवेदनहीन चेहरा सामने आया है। डाॅक्टर को भगवान कहा जाता हीै मगर आज के डाॅक्टर मानों हैवान बनते जा रहे हैं। लगभग रोजाना ही अस्पताल प्रशासन और चिकित्सकों के द्वारा की जा रही अमानवीय घटनाएं उजागर हो रही हैं। ऐसे ही एक अन्य मामले में उत्तर प्रदेश के बंदायू में एक शख्स को अपनी पत्नी का शव अपने कंधे पर लादकर ले जाना पड़ा।
अपनी पत्नी का शव कंधे पर लादे इस युवक का वीडियो भी वायरल हुआ है। वीडियो में दिख रहा है कि युवक अपनी मृत पत्नी का शव अपने कंधे पर रखकर पैदल ही ले जा रहा है। दरअसल यह मामला जिला अस्पताल की लापरवाही से जुड़ा है। मूसाझाग थाना क्षेत्र के गांव मझारा के रहने वाले सादिक की पत्नी मनीषा जिला अस्पताल में भर्ती थीं। सोमवार (7 मई) को इलाज के दौरान सादिक की पत्नी मनीषा की मौत हो गई। सादिक ने पहले जिला अस्पताल से शव वाहन उपलब्ध कराने को कहा। सादिक ने इस संबंध में अस्पताल के सीएमएस को खत भी लिखा। लेकिन इन सब के बावजूद जिला अस्पताल प्रशासन ने सादिक को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया।
काफी देर तक शव वाहन नहीं आने पर सादिक अपनी पत्नी का शव अपने कंधे पर लेकर जाने लगा। अपनी पत्नी का शव लेकर सादिक कुछ देर तक सड़क पर पैदल ही चलता रहा। हालांकि बाद में एक निजी वाहन के जरिए वो अपनी पत्नी का शव वहां से लेकर गया। कहा जा रहा है कि जिस वक्त सादिक अस्पताल प्रशासन से शव वाहन के लिए मिन्नतें कर रहा था उस समय अस्पताल मे दो-दो शव वाहन थें, लेकिन उसे एक भी वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया।
इधर जिला अस्पताल की लापरवाही उजागर होने के बाद हड़कंप मच गया है। सिटी मजिस्ट्रेट संजय कुमार सिंह ने बतलाया कि महिला सोमवार को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट पर अस्पताल में भर्ती हुई थी। जबकि करीब 3 बजकर 20 मिनट पर उसकी मौत हो गई। सीसीटीवी कैमरे के मुताबिक करीब 3 बजकर 55 मिनट पर अस्पताल की तरफ से शव वाहन उपलब्ध करा दिया गया था, लेकिन सादिक उससे पहले अपनी पत्नी को लेकर वहां से चला गया।
आपको बता दें कि इससे पहले देहरादून और इटावा से भी ऐसी ही एक खबर आई थी। इटावा के सरकारी अस्पताल में शव वाहन नहीं मिलने की वजह से मजबूर पिता को अपने बेटे का शव कांधे पर रखकर ले जाना पड़ा था। इस मामले के उजागर होने के बाद मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नोटिस भी जारी किया था।
वहीं हाल ही में देहरादून में भी एक और शर्मनाक मामला सामने आया था। जहां स्ट्रेचर नहीं मिलने पर एक युवक अपने भाई के शव को कंधे पर लादकर भटकता रहा। ये मामला दून अस्पताल का था जहां युवक को ये कदम उठाना पड़ा। एंबुलेंस से शव ले जाने के लिए पैसा नहीं था तो अस्पताल कर्मचारियों, समाजसेवियों और किन्नरों ने चंदा एकत्र कर शव के लिए एंबुलेंस उपलब्ध कराई।