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सोशल मीडिया पर सुप्रीमकोर्ट का हवाला देकर किया जा रहा है झूठा दावा, पढ़िये ख़बर
नई दिल्ली। पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया में एक मैसेज वायरल किया जा रहा है। इसमें लिखा है- ‘आज रात 12 बजे से देशभर में डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट लागू हो चुका है। इसके बाद सरकारी विभागों को छोड़कर अन्य कोई भी नागरिक कोरोनावायरस से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी शेयर नहीं कर सकेगा। ऐसा करने पर कानूनी कार्रवाई होगी। वायरल मैसेज में वॉट्सऐप ग्रुप एडमिंस को भी सलाह दी गई है कि वे यह मैसेज अपने ग्रुप में फॉरवर्ड कर दें।’ इस मैसेज के साथ ही न्यूज वेबसाइट लॉइव लॉ की लिंक भी वायरल की गई है। लाइव लॉ ने खुद अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वायरल दावे का खंडन किया है। वेबसाइट की तरफ से किए गए ट्वीट में लिखा है कि लाइव लॉ की रिपोर्ट के साथ एक फेक मैसेज वॉट्सऐप ग्रुप में वायरल किया जा रहा है। कृपया इसे साझा न करें।
- दरअसल यह पूरा मामला तब शुरू हुआ, जब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 से जुड़ी किसी भी खबर को प्रकाशित, प्रचारित या टेलीकास्ट करने के पहले पुष्टि की अनिवार्यता की जाए। सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए मैकेनिज्म में दावों की पड़ताल के बाद ही कोविड-19 से जुड़ी कोई भी जानकारी प्रचारित-प्रसारित हो।
- लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च को इस संबंध में कहा, ‘महामारी के बारे में स्वतंत्र चर्चा में हस्तक्षेप करने का हमारा इरादा नहीं है, लेकिन मीडिया को घटनाक्रम की जानकारी आधिकारिक पुष्टि के बाद प्रकाशित-प्रचारित किए जाने के निर्देश हैं।’ सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एल नागेश्वर राव की पीठ ने पाया, ‘लॉकडाउन के दौरान शहरों में काम करने वाले मजदूरों की बड़ी संख्या में फेक न्यूज के चलते घबराहट पैदा हुई कि लॉकडाउन तीन महीने से ज्यादा समय तक जारी रहेगा। जिन्होंने इस तरह की खबरों पर यकीन किया, उन लोगों के लिए माइग्रेशन (प्रवासन) अनकही पीड़ा बन गया। इस प्रक्रिया में कुछ ने अपना जीवन खो दिया। इसलिए हमारे लिए यह संभव नहीं है कि इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट या सोशल मीडिया द्वारा फर्जी खबरों को नजरअंदाज किया जाए।’ हालांकि कोर्ट ने ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है जो कोविड-19 से जुड़ी जानकारी साझा करने पर रोक लगाता हो। कोर्ट ने फर्जी खबरों पर चितां जरूर जताई है साथ ही मीडिया को रिपोर्टिंग में ज्यादा सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।
- कोरोना से संबंधित मैसेज शेयर न करने से संबंधित जानकारी की पुष्टि के लिए हमने भोपाल रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक उपेंद्र जैन से बात की। उन्होंने बताया कि सिर्फ कोरोना नहीं, बल्कि किसी भी तरह की भ्रामक जानकारी वायरल कर यदि भय का माहौल बनाया जाता है या आपसी सौहार्द बिगाड़ा जाता है तो पुलिस ऐसे व्यक्ति के खिलाफ एक्शन ले सकती है। उन्होंने कहा कि बिना पुष्टि के किसी भी जानकारी को वॉट्सऐप या किसी दूसरे प्लेटफॉर्म पर शेयर नहीं किया जाना चाहिए।
- भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने भी वायरल दावे का खंडन करते हुए ट्वीट किया कि, सरकार द्वारा कोविड-19 को लेकर किसी भी तरह की जानकारी शेयर करने पर रोक लगाने का दावा करने वाला मैसेज फर्जी है।