ई-रिक्शा से शव ढोने की घटना पर जनसेवी भावना पांडे ने जताया दुःख, प्रदेश सरकार को ठहराया जिम्मेदार
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि जब रामनगर जैसे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का ये हाल है तो प्रदेश के पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, राज्य आंदोलनकारी एवं प्रसिद्ध जनसेवी भावना पांडे ने उत्तराखंड में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं पर अफसोस जताया। इस बदहाल व्यवस्था के लिए उन्होंने स्वास्थ्य महकमे और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा- उत्तराखंड के रामनगर उप-जिला चिकित्सालय में एक संवेदनशील घटना सामने आई है, जहां एक युवक के पार्थिव शरीर को अस्पताल से मोर्चरी तक ई-रिक्शा में ले जाया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। भावना पांडे ने इस घटना पर दुःख प्रकट किया। उन्होंने इस घटना को अत्यंत निंदनीय करार देते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा- उत्तराखंड में इस तरह की अमानवीय लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने इस गंभीर मामले की निष्पक्ष जांच कराने एवं दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की सरकार से मांग की। उन्होंने बड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि रामनगर के उप जिला चिकित्सालय में शव वाहन या एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध क्यों नहीं थी। आखिर इस बड़ी चूक के कौन जिम्मेदार हैं, क्या उत्तराखंड सरकार और स्वास्थ्य विभाग की मानवीय संवेदनाएं मर चुकी हैं? ये सरकार और स्वास्थ्य महकमें की नैतिक व संवैधानिक जिम्मेदारी है कि हर व्यक्ति को, चाहे वह जीवित हो या मृत, गरिमा के साथ सेवा और व्यवहार मिले। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि जब रामनगर जैसे क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का ये हाल है तो प्रदेश के पहाड़ी एवं दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। राज्य बनने के वर्षों बाद भी पहाड़ व पिछड़े इलाकों की जनता स्वास्थ्य सुविधाओं को तरस रही है। वहीं प्रत्येक वर्ष यहां सैकड़ों लोग स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में जान गंवा देते हैं। फिर भी उत्तराखंड सरकार अपनी पीठ थपथपाते और प्रदेश में विकास के दावे करते नहीं थकती। इस घटना ने एक बार फिर सच उजागर किया है और सरकारी मशीनरी की सच्चाई को दुनिया के सामने ला दिया है।