आर्थिक तंगी की खबरों से दुखी गीतकार संतोष आनंद ने कही ये बात
नई दिल्ली। एक वक्त था, जब संगीत की दुनिया में गीतकार संतोष आनंद का बड़ा नाम था, लेकिन समय बीतने के साथ उनकी जिंदगी गुमनामी के अंधेरे में खोने लगी। जब वो हाल ही में रिएलिटी शो ‘इंडियन आइडल’ में आए तो एक बार फिर से उनकी चर्चा हुई। उनकी आर्थिक तंगी के बारे में भी खुलासा हुआ, जिसके बाद सिंगर नेहा कक्कड़ ने उन्हें 5 लाख रुपये की मदद का ऐलान किया, लेकिन अब संतोष आनंद ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी माली हालत ठीक नहीं है।
एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए संतोष आनंद ने कहा कि एक कलाकार को इज्जत और सम्मान चाहिए। आपको याद रखा जाता है तो अच्छा लगता है। लेकिन बाद में कुछ बातें हुईं, जो गलत हैं।
‘मेरा घर ठीक चल रहा है’
संतोष आनंद ने इंटरव्यू के दौरान आगे कहा, “मैं एक स्वाभिमानी आदमी हूं। नेहा बहुत अच्छी लड़की है। जब उसने कहा कि वो मुझे 5 लाख रुपये देगी तो मैंने उससे बोला कि मैं यह नहीं ले सकता हूं। मेरा घर ठीक चल रहा है। मैंने कभी किसी से रुपये नहीं मांगे हैं और मांगूंगा भी नहीं। मैंने किसी से मदद नहीं मांगी है। मैं कवि सम्मेलन में भाग लेकर अपनी कमाई करता हूं। जब मुझे कोई परेशानी ही नहीं है तो मैं पैसे क्यों मांगूंगा। मैं नहीं जानता कि नेहा को क्यों लगा कि उसे मुझको गिफ्ट देना चाहिए।”
‘मुझे सम्मान दीजिए, मदद नहीं चाहिए’
गीतकार ने आगे कहा, “अगर उसने ये नहीं कहा होता कि अपनी पोती समझ कर ले लीजिए तो मैं नहीं लेता। इसके बाद लोग वो सोचने लगे, जो सही नहीं था। मुझे स्टेज पर बुलाइये और सम्मान दीजिए। सम्मान और मदद में काफी फर्क होता है। मुझे मदद नहीं चाहिए।”
भावुक हो गई थीं नेहा कक्कड
आपको बता दें कि इंडियन आइडल में शिरकत करने आए संतोष आनंद का वीडियो खूब वायरल हुआ था। वो शो में काफी भावुक नज़र आए और अपनी जिंदगी की परेशानियों का भी जिक्र किया था, जिसके बाद लोग काफी इमोशनल हो गए थे। इसके बाद नेहा कक्कड़ ने दिग्गज गीतकार संतोष आनंद को 5 लाख रुपये की मदद करने का ऐलान किया था।
नेहा ने फैंस से की थी ये अपील
शो में भावुक होकर नेहा, संतोष आनंद को 5 लाख रुपये की राशि दान में देने की बात कहती हैं और साथ ही भारतीय मनोरंजन उद्योग से यह अपील करती नजर आती हैं कि वह संतोष जी को कुछ काम दें, क्योंकि वह इस इंडस्ट्री का एक अहम हिस्सा रहे हैं। नेहा ने कहा, “यह हम लोगों की ही जिम्मेदारी है कि हम बुरे वक्त में अपने सहकर्मियों की मदद करें।”