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ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा किया गया छात्र-शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन

देहरादून। ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा रिवरेन पब्लिक स्कूल ब्रह्मनवाला माजरा में छात्र-शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में आठ स्कूल के 16 बच्चों एवं 12 शिक्षको को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विकास गर्ग, विशिष्ट अतिथि मंजू शर्मा प्रधानाचार्या एवँ प्रबन्धक मयंक भूषण शर्मा के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।

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इस दौरान सोसाइटी के अध्यक्ष अभिनव कपूर के द्वारा सोसाइटी का परिचय देने के पश्चात सम्मान समारोह आयोजित किया गया। तत्पश्चात मुख्य अतिथि विकास गर्ग ने शिक्षको व छात्रों को जागरूक किया और अपने अनुभव साझा किये।

कार्यक्रम के अंत में विकास चन्द्र उनियाल ने विद्यालय प्रबन्धन की ओर से कार्यक्रम में सम्मिलित होने पर सबका धन्यवाद किया।

कार्यक्रम में रितिक कपूर ने संचालन किया, जबकि मौजूद सदस्यों में आदित्य शर्मा, विजय राज ओझा आदि शामिल रहे।

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कार्यक्रम में ये विद्यालय थे शामिल-

रिवरेन पब्लिक स्कूल, रा० ब० ई० का० ब्रह्मपुरी, देहरा पब्लिक स्कूल, दी द्रोणा स्कूल, सन रेज़ इंटरनेशनल स्कूल ने प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम में वंदना शर्मा, हिमांशु आर्या, पंकज अरोडा, पल्लवी चौहान, कंचन कटियार आदि शिक्षक मौजूद थे। इनके अलावा अंशुल रावत, पारुल नौटियाल, अलीशा नाज, खुशी राणा आदि छात्र मौजूद थे।

गुरु को भगवान से भी बढ़कर माना जाता है: भाजपा नेता विकास गर्ग

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इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेता विकास गर्ग ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा गुरु विद्यालय में विद्यार्थियों को अनुशासन तथा शिक्षा देकर गुणवान व्यक्ति बनाता है। जिस व्यक्ति ने गुरु की कही गई बातों पर हमला किया और उन्हें गौर से जाना और सुधार किया है पर आज के जमाने में सबसे महान व्यक्ति है। हमारे जीवन में हर परिस्थिति में गुरू की शिक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण होती है।

हर व्यक्ति की सफलता के पीछे गुरु का हाथ होता है। गुरु को भगवान से भी बढ़कर माना जाता है। गुरु को उजाले का दीप माना जाता है। गुरु के बिना व्यक्ति का जीवन अधूरा है। गुरु के सहयोग से ही हर व्यक्ति सफल बनता है। गुरु का होना अंधकार में दीप के जैसे होते है। जो खुद जलकर दूसरो को उजागर करते है. माता के बाद दूसरा शिक्षक गुरु ही होते हैं। गुरु से ली गई शिक्षा संस्कार हमारे जीवन को आसान बना देती है।

विकास गर्ग ने कहा गुरु ही वह व्यक्ति होता है जो खुद एक स्थान पर रहकर दूसरों को अपनी मंजिल तक पहुंचाता है। गुरु हमेशा सभी को अच्छा ज्ञान देता है। गुरु सच्चे पथ प्रदर्शक होता है। हमारे जीवन में गुरु बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

उन्होंने कहा मनुष्य के लिए भगवान से भी बढ़कर गुरु को माना जाता है क्योंकि भगवान हमें जीवन प्रदान करता है। और गुरु हमें शिक्षा देकर इस जीवन को सही ढंग से जीना सिखाते हैं। जो गुरु का मार्ग दर्शन करके चलता है। उसे जीवन में कभी ठोकरे नहीं खानी पड़ती है। गुरु शब्द को देखा जाए तो गुरु दो शब्दों के मेल से बनता है। किसने पहला शब्द जिसका अर्थ होता है. अंधकार और दूसरा शब्द रूप जिसका अर्थ होता है उजियारा यानी गुरु के नाम से ही हम पहचान कर सकते हैं कि यह हमें अंधकार से उजियारे की ओर ले जाने का कार्य करते हैं। गुरु हमें अंधकार रूपी इस जीवन में प्रकाश रूपी ज्ञान देते हैं।

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