‘रेवड़ी कल्चर’ को सुप्रीम कोर्ट ने माना गंभीर, जानिए पूरा मामला
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान ‘रेवड़ी कल्चर’ को गंभीर माना है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पैसे का उपयोग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए हो। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी AAP ने सुप्रीम कोर्ट SC को बताया कि कल्याणकारी योजनाओं और मुफ्त के ‘रेवड़ी कल्चर’ में अंतर है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अर्थव्यवस्था को धनराशि और लोगों के कल्याण के बीच संतुलन रखना होगा। सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने जनता को लुभावने वादों से वोटबैंक बनाने के लिए ‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर फिर विपक्षी पार्टियों पर तंज कसा। उन्होंने कल बुधवार को कहा था कि फ्री की सुविधाएं देंगे और राजनीति में स्वार्थ होंगे तो कोई भी आकर कल पेट्रोल-डीजल भी फ्री में देने की घोषणा कर सकता है। वहीं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस पर पलटवार करते हुए अपनी राय जाहिर की थी। केजरीवाल ने कहा कि कर देने वाले व्यक्ति के साथ धोखा तब होता है जब चंद साथियों के बैंक कर्ज माफ़ किए जाते हैं। केजरीवाल ने पीएम को मुफ्त सुविधाओं को लेकर जनमत संग्रह कराने को लेकर चैलेंज दिया।
सीएम केजरीवाल ने की जनमत संग्रह कराने की मांग
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को इस बात पर जनमत संग्रह कराए जाने की मांग की कि करदाताओं का धन स्वास्थ्य सेवा एवं शिक्षा जैसी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं पर खर्च किया जाना चाहिए या किसी एक परिवार या किसी के मित्रों पर यह धन खर्च होना चाहिए। आम आदमी पार्टी (आप) प्रमुख केजरीवाल का यह बयान उसी दिन आया है, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पानीपत में कहा कि ‘मुफ्त उपहार’ देने से भारत के आत्मनिर्भर बनने के प्रयास बाधित होते हैं और इनसे करदाताओं पर बोझ भी पड़ता है।
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना
केजरीवाल ने किसी का नाम लिए बगैर एक वीडियो संदेश में कहा, ‘इस बात पर जनमत संग्रह होना चाहिए कि सरकार का धन पार्टी की इच्छा अनुसार किसी एक परिवार या किसी के मित्रों पर खर्च होना चाहिए या इसे देश में बेहतर स्कूल एवं अस्पताल बनाने के लिए खर्च किया जाना चाहिए।’