राहुल गाँधी को सुप्रीमकोर्ट से राहत, पढ़ें ये खबर

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के चौकीदार चोर है वाले बयान के खिलाफ दर्ज अवमानना मामले को खत्म कर दिया है। शीर्ष अदालत ने राहुल की माफी स्वीकार करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राहुल ने बिना परखे ऐसा बयान दिया, जिससे लगा कि कोर्ट ने कुछ गलत टिप्पणी की है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, “आप आगे से सावधान रहिए। आपने माफी मांगी है इसलिए आपको हम छोड़ रहे हैं।”
दरअसल, अप्रैल में राफेल मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट लीक दस्तावेजों को सबूत मानकर मामले की दोबारा सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। इस पर राहुल ने कहा था,“कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार ने ही चोरी की है। राफेल मामले में भ्रष्टाचार हुआ है।”
राहुल के इस बयान के खिलाफ भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने याचिका लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि उसके फैसले में ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की गई थी। फैसला कानूनी सवाल पर आधारित था। मामले के बढ़ने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल को नोटिस जारी किया था।
कोर्ट ने राहुल की तरफ से दिए गए एफिडेविट पर उन्हें बिना शर्त माफी दे दी। हालांकि, बेंच ने कहा कि राहुल गांधी राजनीति में अहम स्थान रखते हैं और कोर्ट को राजनीतिक बहस में नहीं घसीटा जाना चाहिए, फिर चाहे बयान वैध हो या अवैध। उन्हें भविष्य में ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है।
राहुल ने कोर्ट में जवाब दाखिल कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा कुछ नहीं कहा। चौकीदार चोर है वाली बात गर्म चुनावी माहौल में जोश में उनके मुंह से निकल गई। राहुल ने कहा था कि उनके बयानों को राजनीतिक विरोधियों ने गलत तरह से इस्तेमाल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री खुद भी राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार के लिए क्लीन चिट बताते हैं। उन्होंने अपनी टिप्पणी पर खेद जताते हुए कोर्ट से माफी मांगी थी। इस पर कोर्ट ने 19 मई को ही फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस नेता और राहुल का केस लड़ रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “कानून की विजय हुई है। राहुल की अवमानना के विषय में यह स्पष्ट है कि राजनीतिक अभियान की गर्मागर्मी के दौरान कुछ ऐसे शब्द और वक्तव्य निकल आते हैं, जिनका इरादा न्यायपालिका की अवमानना नहीं है। हमारे एफिडेविट को नोट करते हुए कोर्ट ने राहुल गांधी को अवमानना से राहत दी है। हमारा अवमानना का कोई इरादा नहीं था। इसलिए हम मामले में नतमस्तक थे। राहुल को छूट मिलना हमारे लिए हर्ष की बात है।”