ट्रू कॉलर सर्वे में सामने आये चौंकाने वाले आंकड़े, हर तीसरी भारतीय महिला को अश्लील मैसेज और कॉल!
नयी दिल्ली। जैसे-जैसे दुनिया तकनीकी तौर पर आगे बढ़ती जा रही है वैसे ही मौजूदा तकनीकों के दुरूपयोग भी तेजी से बढ़ रहे हैं। आधुनिकता की दौड़ में कहीं न कहीं सुरक्षा और सतर्कता को ताक पर रख दिया गया है, जिस वजह से देशभर में आपराधिक घटनाओं के मामले तेजी से बढे हैं। हाल ही में एक नामी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के द्वारा एक सर्वे करवाया गया जिसमें हैरान करने वाले आंकड़े सामने आये। जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। आईये आपको बताते हैं इन आंकड़ों के बारे में :-
ट्रू कॉलर का नाम तो सुना ही होगा। वैसे स्मार्टफोन रखने वाले ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल भी करते हैं। दरअसल यह एक मोबाइल ऐप है। आपके मोबाइल पर आने वाली लगभग सभी कॉल की डिटेल्स देता है जैसे कि कॉलर का नाम आदि। यह कॉलर का नाम तब भी बताता है जब उसका नंबर आपके फोन में सेव नहीं होता है। अब फोन नंबर स्कैन ऐप ट्रूकॉलर ने जो सर्वे जारी किया है, वो बहुत ही चौकाने वाला है। ट्रूकॉलर के ‘अंडरस्टैंडिंग द इंपैक्ट ऑफ हैरेसमेंट एंड स्पैम कॉल ऑन वूमन’ सर्वे के मुताबिक, देश की 82 फीसदी महिलाएं मोबाइल पर अश्लील मैसेज और फोन कॉल्स का सामना करती हैं। यानी कि देश की हर तीन में से एक महिला को अश्लील मैसेज और कॉल आते हैं।
ट्रूकॉलर ने देश के 15 शहरों में 20 जनवरी से 22 फरवरी के दौरान 15 से 35 साल की महिलाओं के बीच सर्वे कराया। इस सर्वे का उद्देश्य यह पता लगाना था कि कॉल्स और मैसेज महिलाओं को किस तरह प्रभावित कर रहे हैं। सर्वे में सामने आया कि तीन में से हर एक महिला को अश्लील मैसेज और फोन कॉल्स का सामना करना पड़ता है। ट्रू कॉलर की रिपोर्ट के मुताबिक इस तरह के सबसे ज्यादा मामले जयपुर में सामने आए हैं।
सर्वे के मुताबिक, 78 फीसदी महिलाओं को अश्लील कॉल आते हैं। वहीं, 82 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पास आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो आते हैं। इसके अलावा 50 फीसदी महिलाओं को अनजान लोगों के कॉल और मैसेज आते हैं। 11 फीसदी महिलाएं स्टॉकर्स से परेशान हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि महिलाओं के पास जो कॉल्स आते हैं, उनमें 3 फीसदी लोग ही ऐसे होते हैं जिन्हें वो जानती हैं।
महिलाओं को मुश्किल हालातों का सामना करने की वजह से ही नारी शक्ति कहा जाता है। ऐसे में इस तरह के कॉल्स का भी महिलाएं डटकर मुकाबला करती हैं। सर्वे में शामिल 65 फीसदी महिलाओं ने बताया कि वह इस तरह के नंबरों को ब्लॉक कर देती हैं। वहीं 10 फीसदी महिलाएं इस तरह के मामलों की पुलिस में शिकायत करती हैं। जबकि 7 फीसदी महिलाएं ऐसे लोगों के नाम सोशल मीडिया पर उजागर कर देती हैं।