Breaking NewsNational

लग्जरी कारों की चोरी करने प्लेन से आते थे मामा-भांजे, हुए अरेस्ट

नई दिल्ली। पूर्वी जिला एएटीएस ने मामा-भांजे की एक ऐसी जोड़ी को गिरफ्तार किया है जो मणिपुर से विमान के जरिए दिल्ली आते और महंगे वाहनों को चोरी कर ले जाते। 29 वर्षीय आरोपी अबुंग मेहताब ने ‌मणिपुर विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री ले रखी है और नेट पास की है। जबकि, अबुंग का मामा 31 वर्षीय तदरीस सैयद उर्फ एलेक्स उर्फ समांचा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद एएमयू से पीजी की डिग्री ले रखी है। इनकी पढ़ाई के बारे में जानकर पुलिस भी हैरान रह गई।

चोरी कर चुके हैं 300 से ज्यादा वाहन

मणिपुर के इंफाल के रहने वाले आरोपी हवाई जहाज से लग्जरी वाहन चोरी करने के लिए यहां आते थे। पुलिस ने मणिपुर में छापेमारी कर आरोपियों से 12 लक्जरी गाड़ियां भी बरामद की है। दोनों अब तक 300 से ज्यादा वाहन चोरी कर चुके हैं। ये लोग दिल्ली में ऑटोमेटिक गाड़ियां और बुलेट मोटरसाइकिल चोरी करने के बाद नंबर प्लेट बदलकर सड़क के रास्ते मणिपुर ले जाते थे। वहां जाकर गाड़ियों के इंजन नंबर और चेसिस नंबर बदलकर महंगी कीमत पर बेच देते थे। बताया जा रहा है कि मामा-भांजे की यह जोड़ी एक महीने में दिल्ली-एनीसीआर से करीब 15 गाड़ियां चोरी करके ले जाती थी।

पूर्वी जिले की डीसीपी प्रियंका कश्यप ने बताया कि जिले की पुलिस को सूचना मिली रही थी कि उत्तर-पूर्वी राज्यों के कुछ वाहन चोर दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय हैं। एसीपी ऑपरेशन सेल वेद प्रकाश की और इंस्पेक्टर एसके सिंह की टीम बनाई। टीम को सूचना मिली मामा-भांजे पहाड़गंज के होटल सिलीकान में ठहरे हैं। पुलिस ने होटल में छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

दोनों ने पूछताछ में पुलिस को बताया वह अपने साथी तोंभी, असकर और अन्यों के साथ मिलकर वाहन चोरी करते हैं। इसके बाद गाड़ियों को मणिपुर में चोरी के वाहनों के सबसे बड़े खरीदार जतिन और जुमा खान को बेच देते हैं। असकर और गुलफाम गाड़ियों के इंजन और चेसिस नंबर बदल देते हैं, जबकि मेहताब स्थानीय आरटीओ की मदद से इनके कागज तैयार करवा लेता है। बाद में इन वाहनों को ऊंचे दामों में बेच दिया जाता है।

मणिपुर के संवेदनशील इलाकों में छुपाते थे कारें

मामा-भांजे की जोड़ी के खिलाफ गाजीपुर थाने में भी पहले से एक मुकदमा दर्ज है। इन दोनों को गिरफ्तार करने के बाद दिल्ली पुलिस की टीम मणिपुर पहुंची। पुलिस को पता चला आरोपित मणिपुर के संवेदनशील इलाकों में कारों को छुपाते हैं। उस इलाके में जाने पर पुलिस को अपनी जान को खतरा भी था। दिल्ली पुलिस ने मणिपुर पुलिस की मदद ली और 12 कारें बरामद करने के बाद पुलिसकर्मी 200 किलोमीटर कारें चलाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे। उसके बाद उन कारों को दिल्ली लाया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button