संयुक्त नागरिक संगठन ने की सुभाष चंद्र बोस के अवशेषों को जापान से लाने की मांग
पत्र में आग्रह किया गया है कि नेताजी की 127 वीं जयंती पर इनके अवशेष यथाशीघ्र देश में ही लाने के लिए जापान सरकार से अनुरोध करते हुए हर सम्भव कोशिश की जाय।
देहरादून। नेताजी सुभाषचंद बोस के अवशेषो को जापान से लाकर विधि विधान के साथ देश मे ही विसर्जित करने की मांग करते हुए संयुक्त नागरिक संगठन देहरादून की ओर से प्रधानमंत्री मोदी को अनुरोध पत्र भेजा गया।
संगठन के महासचिव सुशील त्यागी ने लिखा है कि स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा, आजाद हिंद फौज के नायक नेताजी की 18 अगस्त 1945 मे जापान के ताइपे मे हुए विमान हादसे में मृत्यु हो चुकी है, इसमें सन्देह नही है। नेताजी के परिजनो ने भी भारत सरकार से इस सम्बन्ध मे मांग की है। दुखद है की 75 साल बाद भी देश के नायक की अस्थियों को देश मे नही लाया जा सका है जिससे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियो के परिजनो तथा समाज सेवी व्यथित हैं।
पत्र में आग्रह किया गया है कि नेताजी की 127 वीं जयंती पर इनके अवशेष यथाशीघ्र देश में ही लाने के लिए जापान सरकार से अनुरोध करते हुए हर सम्भव कोशिश की जाय। इस पत्र के अन्त में कहा गया है कि नेताजी के जीवन से सम्बन्धित एक किताब 1949-50 में रक्षा मंत्रालय के लिए लिखी गयी थी जिसमें आजाद हिंद फौज का इतिहास भी उल्लेखित है। इसे आज तक गोपनीय रखा गया है, जबकि किताब के लेखक व शोधकर्ताओ ने भी इसे सार्वजनिक करने की मांग की थी। बाद में केन्द्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में आश्वासन भी दिया था कि इसे 2011 जुलाई के अंत तक प्रकाशित कर दिया जायेगा परन्तु यह अभी तक अप्रकाशित है। इसको सार्वजनिक किया जाना देशहित में है।
इस अनुरोध का पुरजोर समर्थन ब्रिगेडियर केजीबहल, लै. कर्नल बीएम थापा, जीएस जस्सल, चौ.ओमवीर सिंह, प्रदीप कुकरेती, मनोज ध्यानी, शशांक गुप्ता, मुकेश शर्मा व शक्ति प्रसाद डिमरी आदि ने भी किया है।