यूपी पुलिस ने की ऐसी कारस्तानी, जानकर हैरान रह जायेंगे आप
फर्रुखाबाद। यूपी पुलिस की कारस्तानी का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। खबर के अनुसार उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक मकान के पीछे कुछ लोगों ने अज्ञात महिला की लाश को दफना दिया। उक्त मामले में दफनाई गई लाश की पुलिस के द्वारा कथित तौर पर शिनाख्त न करने का का सच उजागर हुआ है। पुलिस पर आरोप यह भी लग रहा है कि उसने महिला की लाश को उसी जगह दबा रहने दिया और जब कुत्ते उसे नोंचने लगे तो उस पर और मिट्टी डलवा दी। एक निजी समाचार चैनल के ट्विटर हैंडल पर मामले का वीडियो अपलोड कर इस बारे में जानकारी दी गई है।
वीडियो शनिवार (31 मार्च) को अपलोड किया गया, जिसमें एक महिला फावड़े से मिट्टी को खोदती हुई दिखाई देती है। मिट्टी खोदे जाने पर लाश के बाल मिट्टी में दबे दिखाई पड़ते हैं। मिट्टी को खोदने वाली महिला खुद को मकान मालकिन, अपना नाम बड़ी बिटिया बताती है। महिला मीडिया के सामने घटना की पूरी कहानी और अपनी बेबसी बयां करती है। महिला एक शख्स का नाम लेती है, वह कहती है कि लाश को किदरापुर के पंडित सुभाष दफना गए।
महिला बताती है कि वह (सुभाष) लाश को (30 मार्च) को 12 बजे दफना गए। महिला कहती है कि उस वक्त वह गांव में थी और जब लोगों ने इस बारे में फोन कर सूचना दी तब वह घर लौटी। इसके बाद महिला ने चौंकाने वाली जानकारी दी। महिला ने बताया कि लाश अब भी दबी हुई है और दरोगा ऊपर से मिट्टी डलवा गए। महिला बताती है कि 100 नंबर वाली पुलिस की गाड़ी आई थी और सब वहां से भाग गए थे। महिला अपनी बेबसी बताती है कि उसके घर में लाश की बदबू भी आएगी।
मकान के मालिक सर्वेश ने भी मीडिया के कैमरे के सामने लगभग इन्हीं बातों को दोहराया। सर्वेश ने बताया कि वहां उनके दऊआ पांडे बाबा का आश्रम बना है, किदनापुर के सुभाष महिला की लाश को दफना गए, लोगों ने मना किया, लेकिन वे नहीं माने, 100 नंबर पर फोन किया गया, पुलिस के आने से पहले 5-6 लोग जो टेंपो लेकर आए थे, मौके से भाग गए, लाश को कुत्ते नोंच रहे थे, दरोगा जी ने आकर मिट्टी डलवा दी। सर्वेश ने बताया कि घटियाघाट चौकी के दरोगा ने लाश पर मिट्टी डलवाई।
बहरहाल ये मामला क्षेत्र में इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। मीडिया में खबर आने के बावजूद अभी तक पुलिस के आलाधिकारियों ने मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। उक्त घटना यह दर्शाने के लिए काफी है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस कितनी सजग और सतर्क है। यह घटना यूपी पुलिस की असंवेदनशीलता का ज्वलंत उदाहरण बनकर सामने आयी है।