पीड़िता को मिला न्याय, सामुहिक दुष्कर्म के दोषियों को कोर्ट ने सुनाई सज़ा
देहरादून। लड़की को डरा-धमकाकर सामुहिक दुष्कर्म करने के तीन आरोपियों को कोर्ट ने मजबूत साक्ष्यों के आधार पर जघन्य अपराध का दोषी करार दिया और तीनों अपराधियों को सज़ा सुनाई। कोर्ट ने वादी (पीड़ित) पक्ष की ओर से प्रस्तुत किये गए बयानों और सबूतों के मद्देनजर ये फैसला सुनाया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने 23 नवम्बर 2017 को पटेल नगर कोतवाली में तहरीर दी कि उनकी पुत्री जिसकी उम्र 21 वर्ष है, बीते रोज दिनांक 22- 11- 2017 से लापता है व काफी तलाशने के बावजूद उनकी पुत्री का कुछ पता नहीं चल पाया है। वादी की तहरीर पर पुलिस ने युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली। जिसके बाद पुलिस ने अपनी जांच में युवती को तैय्यब नामक युवक के कब्जे से बरामद किया व आरोपी को गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध पीड़िता के बयान के आधार पर थाना पटेल नगर में मुकदमा दर्ज किया गया। उक्त मुकदमा संख्या 539/2017 व धारा 366,376 डी, 504,506 भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट के रूप में दर्ज किया गया।
मामले की विवेचना एस.आई. हेमलता कुनियाल के द्वारा की गई। पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस की जांच में दो अन्य आरोपियों अल्ताफ व मुस्तकीम के नाम भी सामने आए, जिनके विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य प्राप्त होने पर मुकदमा संख्या 539/2017 व धारा 366,376 डी, 504,506 भारतीय दंड संहिता, 1860 के तहत दर्ज कर आरोप पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
उक्त मुकदमा माननीय न्यायालय के फास्टट्रैक कोर्ट/अपर जिला एवं सेशन जज देहरादून अश्विन गौड़ (उच्चतर न्यायिक सेवा) के द्वारा सुना गया। मुकदमे में राज्य सरकार की ओर से परिवादी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फ़ौ0) किशोर कुमार व अमित त्यागी एवं अभियुक्त पक्ष की ओर से क्रमशः अभियुक्त तैय्यब के विद्वान अधिवक्ता राजेन्द्र सिंह, अभियुक्त अल्ताफ के विद्वान अधिवक्ता आसिफ शेख एवं अभियुक्त मुस्तकीम के विद्वान अधिवक्ता गुलाटी ने मुकदमा लड़ा।
मुकदमें के दौरान अधिवक्ता किशोर कुमार व अमित त्यागी ने पीड़िता पक्ष की ओर से मजबूत दलीलें कोर्ट के समक्ष साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत की। कईं बार की ज़िरह और तगड़ी बहस के बाद कोर्ट ने पीड़िता (वादी) पक्ष की ओर से न्यायालय में पेश किए गए साक्ष्यों और बयानों को सही पाया।
उक्त आधार पर माननीय न्यायालय के फास्टट्रैक कोर्ट/अपर जिला एवं सेशन जज देहरादून अश्विन गौड़ (उच्चतर न्यायिक सेवा) के द्वारा अभियुक्तगणों क्रमशः तैय्यब, अल्ताफ व मुस्तकीम को सामुहिक दुष्कर्म का दोषी ठहराया। कोर्ट ने अपना निर्णय सुनाते हुए उक्त तीनों अभियुक्तों को क्रमशः तैय्यब, अल्ताफ़ व मुस्तकीम को धारा 376डी भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास व 40 हज़ार रुपये के जुर्माने से दण्डित किया। अभियुक्तगणों द्वारा जुर्माने की राशि अदा न करने पर उन्हें 6 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भोगना होगा।