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विशाखापट्‌टनम केमिकल प्लांट में 21 घंटे बाद देर रात दोबारा हुआ गैस का रिसाव, पढ़िये पूरी खबर

विशाखापट्टनम। आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में एलजी पॉलिमर्स इंडस्ट्री के केमिकल प्लांट से 21 घंटे बाद गुरुवार रात 11.30 बजे दोबारा गैस का रिसाव शुरू हो गया। फायर ऑफिसर संदीप आनंद ने बताया कि 50 दमकल और एनडीआरएफ स्टाफ मौके पर मौजूद हैं। एहतियात के तौर पर 3 किलोमीटर के दायरे में गांवों को खाली करा लिया है। इसके अलावा फायर ब्रिगेड की 10-12 गाड़ियां और बुलाई हैं। इससे पहले बुधवार रात 2.30 बजे गैस लीक हुई थी। सुबह करीब 5:30 बजे न्यूट्रिलाइजर्स के इस्तेमाल के बाद हालात काबू में आए। तब तक गैस 4 किलोमीटर के दायरे में आने वाले 5 छोटे गांवों में फैल गई थी। इससे 2 बच्चों समेत 11 लोगों की मौत हो गई।

हादसा विशाखापट्टनम से करीब 30 किलोमीटर वेंकटपुरम गांव में हुआ। दिन में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीएमए और नौसेना की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया। एक हजार से ज्यादा लोग बीमार हैं। 300 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। 25 लोग वेंटिलेटर पर हैं। 15 बच्चों की हालत नाजुक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्‌डी से फोन पर बात की। साथ ही दिल्ली में एनडीएमए के अधिकारियों से चर्चा की। केंद्र सरकार की ओर से एक्सपर्ट टीम भेजने का फैसला लिया गया है।

उधर, आंध्रप्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। उधर, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इसका स्वत: संज्ञान लिया है। शुक्रवार को इस मामले में सुनवाई होगी।

अपडेट्स

  • मृतकों में आंध्र मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के फर्स्ट ईयर का छात्र भी शामिल है।
  • जो लोग वेंटिलेटर पर हैं, उनके लिए आंध्रप्रदेश सरकार की ओर से कुल 10 लाख रुपए की मदद दी जाएगी।
  • एनडीआरएफ के डीजी एस एन प्रधान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुणे से एक्सपर्ट की टीम विशाखापट्टनम पहुंचेगी।
  • यह टीम केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और न्यूक्लियर हादसों की एक्सपर्ट है।
  • केंद्र सरकार ने निर्देश दिए हैं कि हादसे से लोगों के स्वास्थ्य पर अभी और भविष्य में होने वाले असर को देखते हुए राहत के इंतजाम किए जाएं।
  • हादसे पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने केंद्र और आंध्र प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।

कई लोग मौके पर पहुंचे, वहीं बेहोश होकर गिर गए

आंध्रप्रदेश के डीजीपी दामोदर गौतम सवांग ने बताया कि सुबह 5:30 बजे न्यूट्रिलाइजर्स के इस्तेमाल के बाद हालात काबू में आए। मारे गए लोगों में से 2 की मौत भगदड़ में हुई। इनमें से एक आदमी कंपनी की दूसरी मंजिल से गिरा, जबकि दूसरा कुएं में गिर गया। हादसे की खबर लगते ही कई लोग मौके पर पहुंचे, लेकिन वहीं बेहोश होकर गिर गए। आसपास के घरों में भी लोग बेहोश मिले। कुछ लोगों के शरीर पर लाल निशान पड़ गए।

स्टाइरीन गैस लीक हुई; यह फाइबर, रबर, पाइप बनाने में इस्तेमाल होती है
जो गैस लीक हुई, वह पीवीसी यानी स्टाइरीन कहलाती है। यह न्यूरो टॉक्सिन है। इसका केमिकल फॉर्मूला C6H5CH=CH2 होता है। यह सबसे लोकप्रिय ऑर्गनिक सॉल्वेंट बेंजीन से पैदा हुआ पानी की तरह बिना रंग वाला लिक्विड होता है। इसी से गैस निकलती है। यह दम घोंट देने वाली गैस है। यह सांसों के जरिए शरीर में चली जाए तो 10 मिनट में ही असर दिखाना शुरू कर देती है। यह गैस पॉलिस्टाइरीन प्लास्टिक, फाइबर ग्लास, रबर और पाइप बनाने के प्लांट में इस्तेमाल होती है।

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