व्हाट्सएप को लेकर गम्भीर हुई सरकार, पढ़ें ये खबर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वॉट्सऐप से स्पाइवेयर/मैलवेयर हमले की गंभीरता और उसे निपटने के लिए उठाए गए सुरक्षा उपायों की जानकारी मांगी है। सरकार वॉट्सऐप की जानकारी के आधार पर अपने अधिकारियों को निर्देश देगी कि वे अमेरिकी सोशल मीडिया ऐप का इस्तेमाल करना जारी रखें या फिर बंद कर दें। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी ने वॉट्सऐप से पत्र लिखकर पूछा है कि स्पाइवेयर हमले में क्या भारतीय उपभोक्ता भी प्रभावित हुए थे? अगर हुए थे तो उनकी संख्या कितनी है? मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमने वॉट्सऐप को ईमेल भेजकर उनसे कहा है कि वे हमें मामले की संवेदनशीलता से अवगत कराएं और साथ ही उन उपायों की भी जानकारी दें जो उन्होंने समस्या को दूर करने के लिए उठाए हैं।’
पिछले हफ्ते कंपनी ने बताया था कि कथित तौर पर एक इजराइली सायबर इंटेलिजेंस ग्रुप में वॉट्सऐप के कॉलिंग फंक्शन में सेंध लगाकर यूजर्स के फोन में स्पाइवेयर डालने की कोशिश की थी। इससे यूजर्स के डिवाइस की सारी जानकारियां खतरे में पड़ गई थीं। इकनॉमिक टाइम्स ने इस बारे में जानकारी के लिए वॉट्सऐप को ईमेल से सवाल भेजे थे, जिस पर कंपनी ने कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया। वॉट्सऐप ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी करके बताया था कि स्पाइवेयर की हरकतों का इसी महीने पता चला था और उसने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से मसले को सुलझा भी लिया था। कंपनी ने जोर देकर यूजर्स से कहा कि वे सोमवार को जारी वॉट्सऐप के लेटेस्ट अपडेट को इंस्टॉल कर लें।
वॉट्सऐप ने सोमवार को एक बयान जारी करके बताया कि वह अमेरिका की कानूनी एजेंसियों को पहले ही स्पाइवेयर हमले के बारे में आगाह कर चुकी है। एक अन्य सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘हम स्पाइवेयर की घटना को लेकर चिंतित हैं। हमें पता है कि यह वैश्विक मसला है, लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि कहीं कोई इंडियन यूजर तो इसकी चपेट में नहीं आया है। यह नेशनल सायबर सिक्यॉरिटी के लिहाज से बड़ा मसला है।’ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय कंपनी के रिस्पॉन्स के बाद फैसला करेगी कि क्या सरकारी अधिकारियों को वॉट्सऐप का इस्तेमाल करने से मना कर दिया जाए।
वॉट्सऐप की प्रिवेसी और सिक्यॉरिटी के चलते यह सरकारी अधिकारी भी इसका यूज करते हैं। भारत वॉट्सऐप का सबसे बड़ा बाजार हैं। यहां उसके करीब 20 करोड़ उपभोक्ता हैं। वॉट्सऐप ने कुछ दिनों पहले सरकार को मेसेज का ऑरिजिन बताने से मना कर दिया था। सरकार सोशल मीडिया ऐप के जरिए फैलने वाली अफवाहों और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए यह जानकारी चाहती थी। स्पाइवेयर प्रकरण के बाद सरकार और वॉट्सऐप के बीच तनातनी बढ़ने के आसार हैं।