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दिल्ली में पारा चढ़ने के साथ ही अस्पतालों में बढ़ी इन मरीजों की संख्या

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ते तापमान के बीच यहां के कुछ अस्पतालों में शरीर में पानी की कमी एवं उल्टी की शिकायत करने वाले मरीज पहुंच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उचित मात्रा में पानी पीते रहें और पानी की प्रचुरता वाली सब्जियों एवं फलों का सेवन ऐसी बीमारियों से बचाव में सहायक होगा। दिल्ली में पिछले 3 दिनों से लू जैसी स्थिति थी और यहां का अधिकतम तापमान गुरुवार को 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 2012 के बाद से जुलाई में सबसे अधिक है। मौसम विभाग का कहना है कि 7 जुलाई तक मॉनसून के यहां पहुचने की कोई उम्मीद नहीं है।

‘एक हफ्ते में आए कम से कम 10 ऐसे मामले’

आकाश हेल्थकेयर में इंटरनल मेडिसिन के वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर विक्रमजीत सिंह ने बताया, ‘हमारे पास शरीर में पानी की कमी, उल्टी और उबकाई के मामले आने शुरू हो गए हैं। इसका कारण दिल्ली में लगातार तापमान में वृद्धि होना है। पिछले एक सप्ताह में हमारे पास 10 ऐसे मामले आए हैं। घर से काम करने वाले लोग भी अधिक तापमान के कारण हमारे पास पेट दर्द और सिर दर्द की शिकायत लेकर आ रहे हैं।’ उन्होंने बताया कि इसका संभावित कारण वातायन (वेंटिलेशन) की कमी है, जो पसीना, गर्मी से थकावट, उल्टी और पेट में मरोड़ का कारण बनता है।

‘घर में वेंटिलेशन वाली जगह पर रहें और तरल पदार्थ लें’
एक अन्य निजी अस्पताल में इंटरनल मेडिसिन की सलाहकार डॉक्टर मुग्धा तपदिया ने बताया कि पिछले एक हफ्ते से उनके अस्पताल में भी तेज बुखार एवं शरीर में पानी की कमी के मरीज आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसका कारण लंबे समय तक धूप में रहना या उचित वातायन के बिना बंद वातावरण में रहना है। बिजली कटौती तथा बेरोजगारी के कारण कूलर का खर्च उठाने में असमर्थता भी एक प्रमुख कारण है। उन्होंने सुझाव दिया कि घर में वेंटिलेशन वाली जगह पर रहें और 4 से 5 लीटर तरल पदार्थ लें, जिसमें जल के अलावा, छाछ, आम का पन्ना, बेल का शरबत और नींबू के जूस का सेवन शामिल है।

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